नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2025, सोमवार। भारतीय राजनीति में गांधी परिवार का नाम हमेशा चर्चा में रहता है, और अब इस चर्चा में एक नया अध्याय जुड़ता दिख रहा है—रॉबर्ट वाड्रा का। प्रियंका गांधी के पति और जाने-माने व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा हाल के दिनों में अपने बयानों से सुर्खियां बटोर रहे हैं। आंबेडकर जयंती के मौके पर जब उनसे पूछा गया कि वे कब संसद में नजर आएंगे, तो वाड्रा ने न सिर्फ खुलकर जवाब दिया, बल्कि अपने राजनीतिक इरादों का भी इशारा दे डाला।
प्रियंका का सपना पूरा, अब वाड्रा की बारी?
वाड्रा ने कहा, “मैं हमेशा चाहता था कि प्रियंका संसद में हों। अब वे वहां हैं, किसानों और आम लोगों के मुद्दों को बुलंद कर रही हैं। लोग मुझसे बार-बार संसद जाने के बारे में पूछते हैं। देखिए, मैं मेहनत करूंगा, और जब कांग्रेस को जरूरत होगी, गांधी परिवार का आशीर्वाद मिलेगा, तो मैं भी संसद में होऊंगा।” उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। कई लोग मान रहे हैं कि वाड्रा ने राजनीति में कदम रखने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, और अब वे सिर्फ कांग्रेस और गांधी परिवार के हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं।
प्रियंका की जीत और वाड्रा का उत्साह
प्रियंका गांधी ने वायनाड उपचुनाव में शानदार जीत हासिल कर पहली बार लोकसभा में कदम रखा। इस जीत को वाड्रा ने अपना सपना पूरा होने बताया। उन्होंने कहा, “प्रियंका के सांसद बनने से मैं बेहद खुश हूं। मैं भी सक्रिय राजनीति में आने को तैयार हूं। जब कांग्रेस कहेगी, मैं मैदान में उतरूंगा।” वाड्रा के इस उत्साह और आत्मविश्वास को देखकर लगता है कि वे जल्द ही सियासी पिच पर बल्लेबाजी करने को तैयार हैं।
प्रियंका: विरासत से जीत तक
प्रियंका गांधी ने भले ही सालों तक सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए रखी, लेकिन जब उन्होंने कदम बढ़ाया, तो धमाकेदार तरीके से। 2020 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभालने से लेकर वायनाड में बंपर जीत तक, प्रियंका ने साबित कर दिया कि उनमें राजनीति का जादू बखूबी है। और अब, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी उसी राह पर चलने को बेताब दिख रहे हैं।
क्या है अगला कदम?
वाड्रा के बयानों से साफ है कि वे लोगों की उम्मीदों और अपनी मेहनत के दम पर संसद तक पहुंचने का सपना देख रहे हैं। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस उन्हें मौका देगी? क्या गांधी परिवार की विरासत में वाड्रा एक नया रंग जोड़ पाएंगे? सियासी हलकों में यह सवाल गूंज रहा है, और जवाब का इंतजार हर किसी को है।
एक बात तो तय है—वाड्रा का यह बयान महज जवाब नहीं, बल्कि एक बड़े सियासी भविष्य का संकेत हो सकता है। क्या वायनाड के बाद अब कोई और सीट वाड्रा के नाम होगी? वक्त ही बताएगा!