बाढ़ के कारण राज्य की कुल 4321 सड़कें प्रभावित हुई हैं। नेशनल हाईवे हो या ग्रामीण सड़कें, सब पर पानी चढ़ गया है। प्रभावित सड़कों में 26 जिले की 276 शहरी सड़कें हैं। इसमें डेढ़ दर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग भी हैं। वहीं बाढ़ से प्रभावित होने वाली ग्रामीण सड़कों की संख्या 4045 है। प्रभावित सड़कों में से कई पर आवागमन बाधित हो चुका है।
पथ निर्माण के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सड़कों से पानी उतरने के बाद क्षति का आकलन करने के साथ ही उसकी मरम्मत भी की जा रही है। विभाग की कोशिश है कि जैसे ही पानी का बहाव कम हो, उस सड़क पर आवागमन चालू कर दिया जाए। इस दिशा में एजेंसी और विभागीय अधिकारी दिन-रात लगे हैं। अनुमानत: 200 करोड़ रुपये से अधिक इनको ठीक करने पर खर्च करना होगा।
इन नेशनल हाइवे पर चढ़ा पानी
विभागीय अधिकारियों के अनुसार एनएच-19 पर छपरा में पानी सड़क पर आ चुका है। जबकि एनएच 28ए में चैलाहा-बेलानहर तो एनएच-104 पर सीतामढ़ी में पानी सड़क के ऊपर आ चुका है। वहीं एनएच 237ई पर अररिया में, भारत-नेपाल सीमा सड़क पर किशनगंज में, एनएच 131ए पर पूर्णिया में, एनएच-31 पर पसराहा में, एनएच-80 पर भागलपुर में पानी सड़क के ऊपर आ चुका है।
इसी तरह एनएच 333ए पर भागलपुर में, एनएच 334 पर लखीसराय में, एनएच 80 पर लखीसराय में, एनएच-30 पर आरा में, जीटी रोड पर गया में, एनएच-31 पर नवादा तो एनएच-83 पर जहानाबाद में पानी सड़क के ऊपर आ चुका है। एनएच के अलावा स्टेट हाईवे और बड़ी संख्या में जिलों की महत्वपूर्ण सड़कों पर बाढ़ का पानी आ चुका है।
सड़कों के डूबने से करोड़ों का नुकसान
पथ निर्माण विभाग की सड़कों को बनाने में प्रति किलोमीटर तीन करोड़ तक का खर्च आता है। बाढ़ के कारण इतनी संख्या में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने पर उसे फिर से उसी रूप में लाने में करोड़ों रुपए खर्च होंगे। प्रारंभिक आकलन के अनुसार इन सड़कों के क्षतिग्रस्त होने पर उसे ठीक करने में 200 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। वैसे अंतिम तौर पर आकलन के बाद इस राशि में कमी-वृद्धि होने का अनुमान है।
इन जिलों की शहरी सड़कें हुई हैं प्रभावित
मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, गोपालगंज, वैशाली, सारण, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, अररिया, मुजफ्फरपुर, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, आरा, बक्सर, रोहतास, पटना, गया, नवादा और जहानाबाद।
2327 ग्रामीण सड़कों पर आवागमन चालू
बाढ़ के कारण राज्य की ग्रामीण सड़कों को भी भारी नुकसान हुआ है। कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क कट चुका है। हालांकि ग्रामीण कार्य विभाग युद्धस्तर पर इसे दुरुस्त करने में जुटा है। लेकिन जब तक पानी का बहाव कम नहीं हो जाता, सभी सड़कों को दुरुस्त करना मुश्किल है।
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि बाढ़ या अतिवृष्टि के कारण 17 अगस्त से अब तक 4045 सड़कों को नुकसान हो चुका है। इसमें से विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 2237 सड़कों को आवागमन के लायक बना दिया। जबकि 468 सड़कों पर आवागमन शुरू करने के लिए विभागीय स्तर पर युद्धस्तर पर प्रयास शुरू है। हालांकि अभी भी 1146 सड़कों पर बाढ़ का पानी लगा हुआ है।