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Monday, August 11, 2025

आरजेडी विधायक के विवादित बयान: ‘महागठबंधन की सरकार बनी तो अफसरशाही को कुचल देंगे’

मुजफ्फरपुर, 11 अगस्त 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद विधायक मुन्ना यादव एक बार फिर अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में हैं। मुजफ्फरपुर के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को खुलेआम धमकी दी। विधायक ने कहा कि यदि महागठबंधन की सरकार सत्ता में आई तो अफसरशाही को “पैरों तले कुचल दिया जाएगा।”

कुशवाहा सम्मान समरोह में बिगड़े बोल

मीनापुर में आयोजित कुशवाहा सम्मान समरोह में सभा को संबोधित करते हुए विधायक मुन्ना यादव ने कहा, “बिहार को एक तरफ अपराधी लूट रहे हैं, दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी। इन अधिकारियों को सत्ता का कोई डर नहीं है। जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनी जा रही। बिहार में चल रही दलाली की प्रथा को हम खत्म करेंगे।” उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन की सरकार बनने पर इस “लूट” पर लगाम लगाई जाएगी।

यादव ने आगे कहा, “मीनापुर में आपसी भाईचारा हमेशा कायम रहेगा। मैं पिछले 10 सालों से सभी धर्मों और जातियों के लिए सड़क से सदन तक लड़ता रहा हूं। अगर कोई शांति भंग करने की कोशिश करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने कुशवाहा समाज को राजद द्वारा सबसे अधिक सम्मान देने का दावा करते हुए कहा कि लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही, उन्होंने मतदाताओं से वोटर लिस्ट की जांच करने की अपील की, ताकि नाम कटने की शिकायतों से बचा जा सके।

पहले भी विवादों में रहे हैं विधायक

यह पहली बार नहीं है जब मुन्ना यादव अपने बयानों के कारण सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सवर्ण समुदायों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि “बिहार में अब मिश्रा, सिंह, झा और शर्मा का कोई गुजारा नहीं होगा, बिहार में बहुजन समाज का राज होगा।” इस बयान के बाद विवाद बढ़ने पर विधायक ने सफाई दी थी कि उनका वीडियो तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और उनका इरादा किसी समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था।

चुनावी माहौल में बयान ने बढ़ाई हलचल

बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं, और सभी दल अपने-अपने वोटबैंक को साधने में जुटे हैं। ऐसे में मुन्ना यादव का यह बयान राजद के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है। विपक्षी दलों ने इस बयान की आलोचना शुरू कर दी है, और इसे प्रशासनिक व्यवस्था पर हमला बताया है। दूसरी ओर, राजद समर्थकों का कहना है कि विधायक ने केवल भ्रष्टाचार और दलाली के खिलाफ आवाज उठाई है।

चुनाव से पहले इस तरह के बयानों से बिहार की सियासत और गरमा गई है। अब देखना होगा कि इस बयान का राजद के चुनावी अभियान पर कितना असर पड़ता है।

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