नई दिल्ली, 29 जून 2025: भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए टिकट आरक्षण प्रणाली में व्यापक सुधार करने जा रही है। रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टिकटिंग प्रणाली को स्मार्ट, पारदर्शी, सुलभ और कुशल बनाने पर जोर देते हुए नई नीतियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली यात्रियों को सहज और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करेगी।
चार्टिंग समय में बदलाव, प्रतीक्षा सूची की अनिश्चितता होगी दूर
रेलवे बोर्ड ने टिकट कन्फर्मेशन की अनिश्चितता को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वर्तमान में ट्रेन प्रस्थान से चार घंटे पहले तैयार होने वाला आरक्षण चार्ट अब प्रस्थान से आठ घंटे पहले तैयार होगा। दोपहर 2 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों का चार्ट एक दिन पहले रात 9 बजे तक तैयार हो जाएगा। रेल मंत्री ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्देश दिया है। इस कदम से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को टिकट स्थिति की पहले से जानकारी मिल सकेगी, जिससे विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों से यात्रा करने वालों को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
आधुनिक यात्री आरक्षण प्रणाली दिसंबर 2025 तक
रेलवे की नई यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) दिसंबर 2025 तक लागू होने की उम्मीद है। केंद्र रेलवे सूचना प्रणाली (क्रिस) इस परियोजना पर पिछले कुछ महीनों से काम कर रहा है। नया पीआरएस मौजूदा सिस्टम से दस गुना अधिक भार संभालने में सक्षम होगा। यह प्रति मिनट 1.5 लाख टिकट बुकिंग और 40 लाख से अधिक पूछताछ की सुविधा प्रदान करेगा, जो वर्तमान पीआरएस की तुलना में क्रमशः पांच और दस गुना अधिक है।
नया पीआरएस बहुभाषी और उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस के साथ आएगा, जिसमें यात्री अपनी पसंदीदा सीट चुन सकेंगे और किराया कैलेंडर देख सकेंगे। इसके अलावा, दिव्यांगजन, छात्रों और मरीजों के लिए एकीकृत सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
तत्काल बुकिंग में सख्ती, ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण
1 जुलाई, 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग केवल प्रमाणित उपयोगकर्ताओं के लिए IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होगी। जुलाई 2025 के अंत से तत्काल बुकिंग के लिए ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। रेल मंत्री ने अधिकारियों को प्रमाणीकरण तंत्र को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।
रेलवे के इन सुधारों से न केवल टिकट बुकिंग प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि यात्रियों को समय पर सटीक जानकारी और बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। यह कदम भारतीय रेलवे को और अधिक यात्री-केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।