सेवापुरी (वाराणसी), 7 जून 2025, शनिवार: किसानों की आय दोगुना करने के लिए शुरू किए गए “विकसित कृषि संकल्प अभियान” ने वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र में नई उम्मीद जगाई है। महराजगंज, मढ़ैयां और रसूल्ला गांवों में आयोजित शिविरों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR-IIVR) के वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को अल्पावधि फसलों और आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी, जो उनकी आय में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।
अल्पावधि फसलों का जादू: वैज्ञानिकों ने बताया कि अल्पावधि फसलें, जो 50-75 दिनों में तैयार हो जाती हैं, किसानों को एक साल में तीन या अधिक फसलें लेने में सक्षम बनाती हैं। इससे न केवल उत्पादन लागत कम होती है, बल्कि आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होती है। कुछ प्रमुख फसलों में शामिल हैं:
मटर: काशी उदय, काशी नंदिनी
पालक: काशी चौलाई, काशी लाल चौलाई
मूली: काशी मूली-40
अन्य: उड़द, अरहर, मूंगफली, अमरनाथ, धनिया
वैज्ञानिकों की सलाह: ICAR-IIVR की वैज्ञानिक डॉ. ज्योति देवी ने कहा, “अल्पावधि फसलों का चयन कर किसान रबी और खरीफ के बीच की खाली अवधि को आय का नया स्रोत बना सकते हैं।” वहीं, डॉ. प्रतीक्षा सिंह (KVK वाराणसी) ने बताया कि इन फसलों से बेहतर उत्पादन के साथ-साथ बीज और फसल सुरक्षा सुनिश्चित होती है। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों को अनुदान पर मशीनें देकर लघु उद्योग शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
DSR तकनीक की सौगात: डॉ. अमितेश सिंह ने डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (DSR) तकनीक की जानकारी दी, जिससे धान की खेती में पानी और लागत की 30-40% तक बचत हो सकती है। यह तकनीक पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों की जेब भी मजबूत करेगी।
किसानों का उत्साह: शिविरों में कृषि विभाग के दीपक मौर्य, उद्यान विभाग के दिनेश चौधरी और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। करीब 300 किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और नई तकनीकों को अपनाने का संकल्प लिया।