देहरादून, 15 जुलाई 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पर्यटन विभाग की ‘गेम चेंजर योजनाओं’ की वर्चुअल समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पर्यटन नीति-2023 के तहत निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया। सीएम ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यटन केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आर्थिक सशक्तिकरण, स्थानीय रोजगार सृजन और पलायन रोकने का प्रभावी माध्यम है।
शीतकालीन पर्यटन पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के प्रचार-प्रसार और यात्रियों की सुविधाओं को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन नीति के तहत हुए निजी निवेश, एमओयू और उनकी ग्राउंडिंग का ब्यौरा मांगा। धामी ने कहा कि पर्यटन आधारित समावेशी विकास ही राज्य का भविष्य है, जिसे सरकार प्राथमिकता दे रही है।
मसूरी, नैनीताल में नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित हों
सीएम ने मसूरी, नैनीताल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की वहन क्षमता का आकलन कर नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने पर बल दिया। पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे को बढ़ावा देने, तकनीकी व वित्तीय सहायता प्रदान करने और ट्रैकिंग रूट्स के निकट स्वरोजगार के लिए ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम-स्टे अनुदान योजना’ को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए। साथ ही, ‘वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना’ के तहत युवाओं को समयबद्ध ऋण और अनुदान उपलब्ध कराने को कहा।
गोल्जू कॉरिडोर और धार्मिक सर्किट पर काम शुरू
मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा, चम्पावत और घोड़ाखाल को जोड़ने वाले ‘गोल्जू कॉरिडोर’ के मास्टर प्लान पर कार्य शुरू करने और रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, एयरो स्पोर्ट्स और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों के नियमित संचालन के लिए योजना तैयार करने और प्रचार के लिए विशेष बजट प्रस्तावित करने पर जोर दिया।
आध्यात्मिक हब और टूरिज्म विलेज पर फोकस
विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संभावित स्थलों की पहचान और प्रचार के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। गंगोत्री और ध्याणोत्थान क्षेत्र को वेलनेस व आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने के लिए एक माह में कार्ययोजना पेश करने को कहा। सीएम ने ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के विस्तार और पंचायत स्तर पर थीम-आधारित ‘टूरिज्म विलेज’ विकसित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘गेम चेंजर योजनाएं’ पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, मीनाक्षी सुंदरम, पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल और उत्तराखंड स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा मौजूद रहे।