बरेली में धर्म परिवर्तन रैकेट का भंडाफोड़, विदेशी फंडिंग की आशंका, 21 बैंक खातों में 13 लाख का लेनदेन

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बरेली, 28 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस ने एक बड़े धर्म परिवर्तन रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है। अब्दुल मजीद के नेतृत्व में चल रहे इस गिरोह पर पाकिस्तान समेत अन्य देशों से फंडिंग की आशंका जताई जा रही है। पुलिस और जांच एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।

पुलिस ने भुता क्षेत्र में अब्दुल मजीद और उसके तीन साथियों—सलमान, आरिफ और फहीम—को गिरफ्तार किया। इनके पास से 21 बैंक खाते मिले, जिनमें 13 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन सामने आया है। मजीद के तीन और उसकी पत्नी के दो खातों में भारी लेनदेन दर्ज हुआ, जबकि दर्जी का काम करने वाले सलमान के 12 खातों में उसकी हैसियत से कहीं ज्यादा रकम मिली।

सोशल मीडिया के जरिए फैलाया जाल

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ने सोशल मीडिया पर कई ग्रुप बनाए थे, जिनमें कट्टरपंथी प्रवचनकर्ता जाकिर नाइक और अन्य मुस्लिम विद्वानों के ऑडियो-वीडियो शेयर किए जाते थे। इन ग्रुपों में मुस्लिम झुकाव वाले हिंदू लेखकों का साहित्य और समुदाय विशेष की लड़कियों के फोटो-वीडियो डाले जाते थे। हिंदू सदस्यों को चैट के जरिए निशाना बनाया जाता था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल जब्त कर डेटा सुरक्षित कर लिया है और कॉल डिटेल्स की जांच कर रही है।

कैसे चुनते थे शिकार?

गिरोह तलाकशुदा, पारिवारिक कलह से परेशान, अकेले रहने वाले या सामाजिक रूप से अलग-थलग लोगों को निशाना बनाता था। भावनात्मक और मानसिक प्रभाव डालकर मूल धर्म को समस्याओं की जड़ बताने के साथ-साथ जाकिर नाइक और पाकिस्तानी धर्मगुरु ईआर मिर्जा के वीडियो दिखाए जाते थे। आर्थिक मदद, नौकरी या शादी का लालच देकर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जाता था। साथ ही, परिवार और समाज से दूरी बनाने की सलाह दी जाती थी।

छांगुर गैंग से कनेक्शन की संभावना

पुलिस को बलरामपुर के छांगुर गैंग से मजीद के गिरोह का कोई सीधा संबंध नहीं मिला, लेकिन भविष्य की जांच में कनेक्शन की आशंका से इनकार भी नहीं किया गया। बरेली में पहले भी कट्टरवादी हैदरी दल की गतिविधियां सामने आ चुकी हैं, जिनमें मदरसे और धर्मस्थलों से जुड़े लोग शामिल थे।

मजीद की देशव्यापी यात्राएं

जांच में पता चला कि मजीद ने देश के कई राज्यों की यात्रा की थी, हालांकि उसकी विदेश यात्रा का कोई ब्योरा अभी नहीं मिला। पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है और बैंक खातों व मोबाइल नंबरों की गहन जांच जारी है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, “यह एक संगठित गिरोह है, जो सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, जिसमें विदेशी फंडिंग की आशंका भी शामिल है।”

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