नई दिल्ली, 7 दिसंबर 2024, शुक्रवार। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनातनी कम होने के पीछे भारत की सफल कूटनीति है। हाल ही में, दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले दो स्थानों से सैनिकों को वापस बुला लिया है, जिसके बाद दोनों देशों ने पहली बार बैठक की। इस बैठक में सीमा विवाद से हासिल हुए निष्कर्षों पर विचार किया गया, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और दोनों देशों की सेना आमने-सामने न आए।
भारत-चीन सीमा विवाद: नई दिशा में बढ़ रहे हैं दोनों देश!
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हाल ही में हुई बैठक में दोनों देशों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधियों की बैठक की तैयारियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर चर्चा की जाएगी और इसके समाधान के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हाल ही में हुई बैठक में दोनों देशों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर चर्चा की गई और इसके समाधान के लिए रणनीति तैयार की गई।
भारत-चीन तनाव में कमी: एलएसी पर शांति की नई किरण!
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि डब्ल्यूएमसीसी बैठक में सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के कार्यान्वयन के बारे में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब तनाव कम करने की प्रक्रिया की ओर बढ़ेगी। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। उस वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के परिणामस्वरूप दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। यह गतिरोध कुछ सप्ताह पहले देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद समाप्त हुआ था।