अगर आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड ग्राहक हैं तो अब अपनी पसंद के नेटवर्क को चुन सकेंगे। बैंकों को यह सुविधा देनी ही होगी। आरबीआई ने आदेश में कहा, क्रेडिट-डेबिट कार्ड जारी करते समय बैंक ग्राहकों को कोई भी नेटवर्क चुनने का विकल्प देंगे। बैंक किसी एक कार्ड नेटवर्क को चुनने के लिए ग्राहक को बाध्य नहीं कर सकते हैं। इस नियम को छह महीने के भीतर लागू करना होगा।
आरबीआई ने बुधवार को सर्कुलर में कहा, कार्ड जारी करने वाली कंपनियां कार्ड नेटवर्क के साथ कोई भी ऐसा समझौता या व्यवस्था न करें जो ग्राहकों को दूसरे नेटवर्क की सेवाएं लेने से रोकता हो। जिनके पास अभी कार्ड हैं, ऐसे ग्राहकों को कार्ड के नवीनीकरण के समय नेटवर्क चुनने का विकल्प देना होगा। केंद्रीय बैंक ने कहा, समीक्षा में पता चला है कि कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच मौजूद व्यवस्थाएं ग्राहकों को विकल्प देने के लिहाज से सही नहीं हैं।
बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, आरबीआई के इस फैसले से नया कार्ड लेते समय या नवीनीकरण के दौरान ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलेगा। इससे उपभोक्ता अनुभव बेहतर होगा।
10 लाख से कम कार्ड वाले नेटवर्क नियम से बाहर
यह निर्देश उन क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होगा जिनके सक्रिय कार्डों की संख्या 10 लाख या उससे कम है। इसके अलावा खुद के अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले संस्थानों को इस निर्देशों से बाहर रखा गया है। वीजा और मास्टर सहित अन्य नेटवर्क देते हैं सेवा अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डायनर्स क्लब इंटरनेशनल, मास्टरकार्ड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड जैसे नेटवर्क फिलहाल, कार्ड की सुविधा देते हैं। कार्ड जारीकर्ताओं और नेटवर्क को नवीनीकरण और नए समझौते करते समय आरबीआई के नए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।