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Monday, June 23, 2025

आरबीआई: महंगाई से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं ,यह अभी और रुलाएगी

आरबीआई का कहना है कि महंगाई से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद है। यह अभी और रुलाएगी। मार्च, 2022 के बाद ही इसमें नरमी आएगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन तक चली बैठक के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2021-22 के लिए उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 5.3 फीसदी पर बरकरार रखा है।

जनवरी-मार्च तिमाही में महंगाई दर ऊंची बनी रहेगी। लेकिन, यह छह फीसदी के आरबीआई के दायरे से बाहर नहीं जाएगी। हालांकि, अर्थशास्त्रियों के सर्वे में कहा गया है कि जनवरी में खुदरा महंगाई छह फीसदी तक पहुंच जाएगी।

दास ने कहा कि फसल उत्पादन बेहतर रहने, आपूर्ति में सुधार को लेकर किए गए उपायों, ओमिक्रॉन को लेकर जोखिम कम होने और बेहतर मानसून की संभावना के साथ खुदरा महंगाई एक अप्रैल, 2022 से शुरू नए वित्त वर्ष में ही घटकर 4.5 फीसदी पर आने की संभावना है। महंगाई का यह अनुमान आरबीआई के संतोषजनक स्तर के काफी करीब है।

 

हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी से महंगाई के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। मुख्य महंगाई संतोषजनक दायरे के उच्च स्तर पर बनी हुई है। हालांकि, पिछले साल नवंबर में पेट्रोल और डीजल पर कर कटौती से कुछ हद तक कच्चे माल की लागत को लेकर दबाव कम रहने की उम्मीद है। दिसंबर में खुदरा महंगाई पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 फीसदी पर पहुंच गई थी, जबकि नवंबर में 4.91 फीसदी रही थी।

आरबीआई ने कहा कि 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहेगी। यह चालू वित्त वर्ष के 9.2 फीसदी के पूर्वानुमान से कम है। वहीं, विकास दर अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 17.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रह सकती है। वित्त मंत्रालय ने आर्थिक सर्वेक्षण में 2022-23 में 8-8.5 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान जताया है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि डिजिटल उधारी पर दिशा-निर्देश जल्द लाया जाएगा। इस पर बने कार्य समूह ने पिछले साल नवंबर में ऑनलाइन मंच और मोबाइल एप के जरिये कर्ज देने सहित डिजिटल उधारी पर अपनी सिफारिशें दी थीं। केंद्रीय बैंक ने 31 दिसंबर, 2021 तक इस पर आम लोगों से सुझाव मांगे थे। खुदरा भुगतान प्रणाली पर दास ने कहा कि आवेदकों के नाम को अंतिम रूप देने में देरी हो

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ‘भविष्य की अनिश्चितताओं का मुकाबले करने के लिए बैंकों और एनबीएफसी पूंजी बढ़ाने के साथ उपयुक्त बफर बनाने की प्रक्रिया जारी रखें। आरबीआई ने नकदी की कमी को दूर करने, बाजार में भरोसा बहाल करने और वित्तीय बाजार के अन्य क्षेत्रों में संक्रमण रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाकर वित्तीय स्थिरता बनाए रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। महामारी संबंधी चुनौतियों के बावजूद भारतीय वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है। वाणिज्यिक बैंकों के बहीखाते पिछले वर्षों की तुलना में मजबूत हैं।’

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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