नई दिल्ली, 23 जनवरी 2025, गुरुवार। दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रोहित गुलिया ने 24 वर्षीय आरोपी को दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया और कहा कि यह एक जघन्य अपराध है।
आरोपी का डीएनए पीड़िता के भ्रूण से मेल खाता है, जो दोषी के अपराध को साबित करता है। पीड़िता ने शुरू में शिकायत की थी, लेकिन बाद में अपने भाई को बचाने के लिए अपने बयान से पलट गई। अदालत ने 17 जनवरी को दोषी को यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा छह (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने फैसले में कहा कि दुष्कर्म के समय पीड़िता की उम्र लगभग 15 वर्ष थी और दोषी के कृत्य के कारण, पीड़िता गर्भवती हो गई और उसे बहुत अधिक भावनात्मक व शारीरिक आघात सहना पड़ा। पीड़िता को मुआवजे के रूप में 13.5 लाख रुपये दिए गए।