विपक्ष की ओर से देश में पट्रोल-डीजल और ईंधन के दामों में वृद्धि को लेकर विपक्ष की ओर से नारेबाजी के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। राज्यसभा में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए और डीजल की कीमत 80 रुपए प्रति लीटर हैं। रसोई गैस की कीमतें भी बढ़ गई हैं। उत्पाद शुल्कर और टैक्स लगाकार सरकार ने 21 लाख करोड़ रुपए जुटाई है और पूरे देश के किसान पीड़ित हैं।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले महिला सांसदों को अपनी बात रकने का मौका मिला है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी बात रखते हुए कई महिला सांसदों ने संसद में महिला आरक्षण देने की मांग की। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा में कहा कि 24 साल पहले, हमने संसद में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा था। आज, 24 साल बाद, हमें संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए।बता दें कि राज्यसभा सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक चलेगी और लोकसभा की कार्रवाई शाम 4 से 10 बजे तक चलेगी। यह सत्र 8 अप्रैल तक चलेगा। संसद के इस बजट सत्र को काफी अहम माना जा रहा है और कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिसपर विपक्ष सरकार को घेर सकती है। खासकर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और नए कृषि कानून के खिलाफ 100 से अधिक दिन हो रहे किसान आंदोलन को मुद्दा बना सकता है।
सभापति ने कांग्रेस सांसदों को चेतावनी
ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस सांसदों की ओर से हंगामे के बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा है कि मैं पहले दिन कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता।
11 बजे तक के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
विपक्ष की ओर से ईंधन के बढ़ते दामों को लेकर नारेबाजी के बाद राज्यसभा की कार्यवाई को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा में कहा कि 24 साल पहले, हमने संसद में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा था। आज, 24 साल बाद, हमें संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए।
महिलाओं के लिए आरक्षण पर कानून की मांग
राज्यसभा में एनसीपी से सांसद डॉ फौजिया खान ने कहा कि कई ऑडिट से पता चला है कि 6% से अधिक महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका मिली है। हमें इसके बारे में सोचना चाहिए। हम लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं के 33% आरक्षण पर कानून लाकर एक शुरुआत कर सकते हैं।