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Monday, July 7, 2025

राजनाथ सिंह ने चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कों पर नवनिर्मित चार पुलों का लोकार्पण किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कों पर नवनिर्मित चार पुलों का लोकार्पण किया। इनमें एक स्पान पुल जबकि तीन बैली ब्रिज शामिल हैं। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘कनेक्टिविटी का देश के विकास में बहुत महत्व है। बीआरओ ने देश के कई क्षेत्रों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।’ लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों से भी मुलाकात की।  इस दौरान, जवानों के साथ वाहेगुरु जी की फतेह भी बोला। 

 सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ये पुल चीन सीमा तक सेना की पहुंच आसान होगी। साथ ही सीमांत के लोगों को भी आवागमन में सुविधा मिलेगी।  बीआरओ के हीरक परियोजना के चीफ इंजीनियर एमएनवी प्रसाद ने बताया कि जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर जौनालीगाड़ में 6.5 करोड़ की लागत से 70 मीटर लंबे स्पान पुल का निर्माण किया गया है।

तवाघाट-घटियाबगड़ मार्ग पर जुंतीगाड़ में 140 फीट ट्रिपल सिंगल रीइंसफोर्स्ड बैली ब्रिज, जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर किरकुटिया नाला पर 180 फीट डबल-डबल रीइंसफोर्स्ड बैल ब्रिज और मुनस्यारी-बोगडियार-मिलम मोटर मार्ग पर लास्पा नाले पर 140 फीट डबल-डबल रीइंसफोर्स्ड बैली ब्रिज का निर्माण किया गया है। इन पुलों का ऑनलाइन शुभारंभ सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।

लास्पा नाले में बना बेली ब्रिज उच्च हिमालयी क्षेत्र में है। जौलजीबी-मुनस्यारी-मिलम और तवाघाट-घट्टाबगड़ सड़कें सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन पुलों के निर्माण से चीन सीमा तक भारत की पहुंच और अधिक मजबूत होगी। प्रवास पर जाने वाले धारचूला और मुनस्यारी के स्थानीय नागरिकों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी और पर्यटन गतिविधियों भी बढ़ेंगी। 

मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की बरसों पुरानी मांग की पूरी : राजनाथ
चीन से नरम-गरम रिश्तों के बीच रक्षा मंत्री लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को लेह पहुंचे। यहां उन्होंने अशोक चक्र विजेता नायब सूबेदार (मानद-सेवानिवृत्त) छेरिंग म्यूटुप और महावीर चक्र विजेता कर्नल सोनम वांगचुक समेत 300 पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत की। उन्होंने पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राष्ट्र की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में उनके अद्वितीय समर्पण की सराहना की।

कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दशकों लंबे इंतजार को समाप्त करते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना शुरू करने का फैसला पूर्व सैनिकों के कल्याण और संतुष्टि के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारा मकसद आपका भी उसी तरह से ख्याल रखना है जिस तरह आप सभी ने देश की सुरक्षा का ध्यान रखा है।

पूर्व सैनिकों के लिए सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों का उदाहरण देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पुनर्वास के मामले के समाधान के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इनमें पुनर्वास महानिदेशालय के माध्यम से रोजगार मेलों का आयोजन शामिल है जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों को रोजगार दिया गया। पूर्व सैनिकों के लिए डिजिटल इंडिया के तहत कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं।

इनमें विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान टेली मेडिसिन सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-सेहत पोर्टल का शुभारंभ और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) की शुरुआत शामिल है। इस अवसर पर लद्दाख के उप राज्यपाल आरके माथुर, सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और उत्तरी कमान के जनरल ऑफि सर-कमांडिंग-इन-चीफ  लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी उपस्थित थे।

लद्दाख में सुरक्षा तैयारियों का लेंगे जायजा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच पूर्वी लद्दाख में भारत की परिचालन तत्परता की व्यापक समीक्षा करेंगे। संवेदनशील क्षेत्र की उनकी यात्रा भारत और चीन द्वारा पिछले साल मई की शुरुआत में शुरू हुए लंबे सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए नए दौर की राजनयिक वार्ता के दो दिन बाद हो रही है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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