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Friday, March 29, 2024

देवास जिले के छोटे से गांव इकलेरा माताजी में रहता है रजत का परिवार- इंदौर में सीखा क्रिकेट, माता-पिता बोले-शतक की नहीं थी उम्मीद

आईपीएल 2022 के एलिमिनेटर मैच में इंदौर के रजत पाटीदार ने शतक बनाकर सबका दिल जीत लिया है। रजत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की ओर से खेल रहे थे। उन्होंने लखनऊ सुपर जाइंट्स के खिलाफ हुए एलीमिनेटर मैच में शतक मारा। इस मैच में आरसीबी ने 14 रनों से जीत हासिल की।
दरअसल, रजत पाटीदार मप्र के देवास जिले के इकलेरा माताजी गांव के निवासी हैं। यह गांव सोनकच्छ विधानसभा के अंतर्गत आता है। रजत का पैतृक घर यहीं है। परिवार के लोग यहीं रहते हैं। पिता का कारोबार है इस कारण वे इकलेरा से इंदौर शिफ्ट हो गए थे और वहीं पर रजत का जन्म हुआ। आज भी पारिवारिक आयोजनों, त्योहारों आदि के अवसरों पर रजत इकलेरा माताजी जाते हैं। उनकी इस उपलब्धि से उनके परिवार सहित पूरे गांव में उत्साह का वातावरण है।  रजत ने इंदौर रहकर क्रिकेट सीखा। 1993 को जन्मे  रजत का जन्मदिन 1 जून को आता है। जब वे आठ साल के थे तभी से क्रिकेट खेल रहे हैं। उनके दादा ने क्रिकेट एकेडमी में रजत को भर्ती कराया था।

रजत ने करियर की शुरुआत एक गेंदबाज के रूप में की थी। कोच के कहने पर बल्लेबाजी शुरू की थी। अंडर-15 टीम में आगे चलकर वह बल्लेबाज बन गए थे। कोच के फैसले पर रजत पाटीदार खरे भी उतरे। सचिन तेंदुलकर रजत के पसंदीदा खिलाड़ी है। उन्हीं को आदर्श मानकर क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा। रजत पाटीदार ने 2015-16 में रणजी ट्रॉफी से क्रिकेट में पदार्पण किया था। 2018 में रजत ने जोनल टी-20 लीग में मप्र के लिए पहला मैच खेला था। 2018-19 सीजन में रजत पाटीदार ने मप्र के लिए रणजी में सबसे ज्यादा रन बनाए थे। उन्होंने आठ मुकाबलों में 714 रन बनाए थे। अगस्त 2019 में इंडिया ब्लू की टीम में दिलीप ट्रॉफी में उन्हें शामिल किया गया है। इसके बाद लगातार रजत पाटीदार अच्छा प्रदर्शन करते रहे।
फरवरी 2021 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने खरीदा। 9 अप्रैल 2021 को रजत ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपना पहला मैच खेला। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि रजत पाटीदार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पहली पसंद नहीं थे। वे आईपीएल में अनसोल्ड खिलाड़ी रहे हैं। लवनिथ सिसौदिया के चोटिल होने पर बीच सत्र में 20 लाख रुपये में उन्हें आरसीबी ने टीम में शामिल किया था। उन्होंने इस अवसर को खाली नहीं जाने दिया और अपने प्रदर्शन ने केवल आरसीबी को फाइनल में पहुंचाया बल्कि उन सबको भी जवाब दिया जिनको रजत की बल्लेबाजी पर भरोसा कम था।
रजत पाटीदार ने देवास से स्कूली शिक्षा पूरी की। यहीं से स्नातक भी किया। रजत को फुटबॉल भी पसंद है। पिता नाम मनोहर पाटीदार है। रजत का एक भाई और एक बहन हैं। रजत पाटीदार का नेटवर्थ 40-50 लाख रुपये है। पिता का अपना कारोबार है। बेटे की सफलता पर पिता मनोहर पाटीदार ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि वह अच्छा खेलगा, लेकिन शतक की उम्मीद नहीं थी। यह उसकी मेहनत है। पिता के साथ ही रजत की मां रेखा ने कहा कि हमने सोचा नहीं था कि रजत शतक लगाएगा। वह आठ साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा है और हम देख रहे हैं। इसलिए उसकी बल्लेबाजी देखकर कभी भी नर्वस नहीं होते। इंदौर के आवेश खान ने भी अच्छी गेंदबाजी की। हमें बहुत अच्छा लग रहा है।
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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