जयपुर, 4 जुलाई 2025: राजस्थान हाईकोर्ट ने संस्कृत शिक्षा विभाग की सहायक प्रोफेसर भर्ती-2024 के साक्षात्कार पर लगी रोक को हटा दिया है। मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति चंद्रप्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। कोर्ट ने RPSC को भर्ती प्रक्रिया को विज्ञप्ति के समय लागू पुराने नियमों के आधार पर आगे बढ़ाने की छूट दी है, जिसमें लिखित परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाने की शर्त शामिल है। यह भर्ती प्रक्रिया याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी।
पृष्ठभूमि और विवाद का कारण
RPSC ने 12 जनवरी 2024 को संस्कृत शिक्षा विभाग में सहायक प्रोफेसर के 200 पदों के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी की थी। सितंबर 2024 में लिखित परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन 25 फरवरी 2025 को कार्मिक विभाग ने न्यूनतम अंक की सीमा को संशोधित कर 36 प्रतिशत कर दिया। RPSC ने इस संशोधन को भर्ती प्रक्रिया पर लागू किया, जिसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव असंवैधानिक है। इसके चलते 2 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट ने साक्षात्कार पर रोक लगा दी थी।
RPSC की दलील और कोर्ट का निर्णय
RPSC की ओर से वकील मिर्जा फैसल बैग ने कोर्ट में दलील दी कि आयोग भर्ती प्रक्रिया को विज्ञप्ति के समय लागू नियमों के तहत ही पूरा करेगा। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए रोक हटाई और निर्देश दिया कि चयन प्रक्रिया पुराने नियमों (40 प्रतिशत न्यूनतम अंक) के आधार पर पुनः शुरू की जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 18 अक्टूबर 2021 के कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में संशोधन लागू नहीं होगा।
अभ्यर्थियों के लिए राहत
इस निर्णय से करीब 200 पदों पर अटकी भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी, जिससे अभ्यर्थियों को राहत मिली है। RPSC अब साक्षात्कार आयोजित करने की तैयारी में है। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया याचिका के अंतिम निपटारे पर निर्भर रहेगी।