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Sunday, November 17, 2024

राजा हरिश्चंद्र नाटक: सत्य की जीत का प्रतीक

सुल्तानपुर, 12 नवंबर 2024, मंगलवार। हनुमत रामलीला समिति सूरापुर पुरानी बाजार द्वारा आयोजित ऐतिहासिक रामलीला मंचन का समापन हो गया। इस अवसर पर राम-भरत मिलाप के बाद राजा हरिश्चंद्र नाटक का जीवंत मंचन किया गया, जिसमें कलाकारों ने सत्य के रास्ते पर चलने का संदेश दिया। नाटक में दिखाया गया कि कैसे राजा हरिश्चंद्र ने अपना साम्राज्य दान कर दिया और अपनी पत्नी तारा और पुत्र रोहित के साथ काशी में जाकर बिक गए। रोहित की मृत्यु के बाद तारा ने अपने साड़ी का पल्लू फाड़कर कफन देना चाहती है, लेकिन देवता प्रगट होकर रोहित को जीवित कर देते हैं।
इस मंचन में बब्लू बरनवाल ने हरिश्चंद्र, राम जी ने तारा, अंश अग्रहरि ने रोहित, प्रांशू अग्रहरि ने इंद्र, अधिवक्ता जय कृष्ण पांडेय ने वशिष्ठ, गोविंद सोनी ने नक्षत्र, भोलानाथ अग्रहरि ने विश्वामित्र, गप्पू मोदनवाल सुनील ने पंडित, धीरज सोनी ने नारद और रवि मोदनवाल ने जल्लाद की भूमिका निभाई।
रामलीला आयोजक प्रेम प्रकाश जायसवाल और सुरेश गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह मंचन सत्य और संयम के रास्ते पर चलने का संदेश देता है।

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