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Friday, October 18, 2024

बारिश का मौसम : अपने डाइट में कुछ बदलाव करके ,पेट के इंफेक्शन से रह सकते हैं दूर

मौसम बदलते ही व्यक्ति का बीमार पड़ना आम बात है, यह समस्या खासकर बारिश के मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है। बारिश के मौसम में व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और वो जल्दी बीमार पड़ने लगता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से व्यक्ति को सबसे ज्यादा पेट का इंफेक्शन परेशान करता है। पानी से फैलने वाली बीमारियों में पेट का इंफेक्शन सबसे आम है। यह स्थिति आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरल टमी बग के कारण उत्पन्न होती है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान रहते हैं तो अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके बारिश के मौसम में पेट के इंफेक्शन से दूर रह सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

आयुर्वेदिक दूध-
आयुर्वेदिक दूध बनाने के लिए रात में 10 बादाम और 3 खजूर या छुआरे पानी में भिगोकर रख दें। अगर खजूर हैं, तो न भिगोएं, उन्हें सीधे इस्तेमाल कर सकते हैं। सुबह बादामों का छिल लें और छुहारे के बीजों को निकालकर दोनों को पीस लें। फिर इस पेस्ट को गुनगुने दूध में मिलाकर इसमें हल्दी, दालचीनी और इलायची पाउडर डालें। अब इसमें 1 चम्मच घी डालें और अच्छी तरह से मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं। ध्यान रखें, सुबह दूध पीने के बाद 40 मिनट तक कुछ भी न खाएं।

आयुर्वेदिक दूध का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही नहीं पुरुषों की यौन क्षमता,स्पर्म काउंट और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। 

प्रोटीन डाइट-
पेट और आंतों की सेहत बनाए रखने के लिए आपको अपनी डाइट में प्रोटीन वाला भोजन जरूर शामिल करना चाहिए। प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे पनीर, दालें, साबुत अनाज और अंडों के अलावा अपनी डाइट में फल-सब्जियों को भी जरूर शामिल करें। डाइट में शामिल ये प्रोटीन पेट की सेहत बनाए रखने के साथ आपको वजन घटाने में भी बहुत मदद कर सकती है। 

प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना-
प्रीबायोटिक्स से भरपूर आहार आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इसके अलावा खाने में रंग-बिरंगे फल-सब्जियों को शामिल करें। प्रोबायोटिक्स आहार जैसे दही, फर्मेन्टेड डेयरी फूड, बकरी का दूध और, मिसो सूप, सौरक्राउट, या अचार खाने में शामिल करें।

सोल कढ़ी-
कोंकण-गोवा और महाराष्ट्र की फेमस सोल कढ़ी नारियल के दूध, खसखस और कोकम फल से तैयार की जाती है। सोलकढ़ी में फैट, सोडियम, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, नियासिन, जिंक, सेलेनियम, फास्फोरस और विटामिन ए और सी होता है। जो पेट को ठंडा रखते हुए शरीर के पीएच को बैलेंस और पाचन तंत्र को डिटॉक्स करके  हेल्दी डाइजेशन को बढ़ावा देता है। 

सोल कढ़ी बनाने के लिए पानी से भरी एक कटोरी लेकर उसमें कुछ कोकम एक घंटे के लिए भिगोकर रख दें। इसे कुछ देर तक चलाएं और कोकम का रंग धीरे-धीरे छूटने लगेगा और पानी लाल हो जाएगा।रस निकालने के लिए कोकम की फली को निचोड़ें। अब पानी को छान लें। मिक्सर में 1 कप ताजे कद्दूकस किए हुए नारियल को पर्याप्त पानी के साथ मिलाकर मुलायम पेस्ट बना लें। पेस्ट को छानकर ताजा नारियल का दूध निकालें। कोकम के रस में 2 कली कटा हुआ लहसुन, लाल प्याज, 1 हरी मिर्च, 1-2 करी पत्ते, आधा छोटा चम्मच जीरा पाउडर और ताजा नारियल का दूध मिलाएं। बाद में आप नमक डाल सकते हैं।अब इसे फ्रिज में डाल कर ठंडा कर लें और इसे पिएं।

सोंठ का शरबत –
सोंठ का शरबत एक पारंपरिक पेय है, जो आमतौर पर बारिश के मौसम में पेट खराब होने पर पिया जाता है। इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट के इंफेक्शन से जुड़े लक्षण जैसे-पेट में ऐंठन और दर्द, बुखार, मतली और सिरदर्द को कम करते हैं। 

सोंठ का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले सोंठ को 1 गिलास पानी में डाल कर उबाल लें। अब इसमें गुड़, नमक और भुना हुआ जीरा कूट कर मिला लें। अब इसे गिलास में छान कर रख लें। अब थोड़ा ठंडा हो जाने के बाद इसका सेवन करें।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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