नई दिल्ली, 2 मई 2025, शुक्रवार। दिल्ली में हाल ही में हुई रिकॉर्ड 77 मिमी बारिश ने शहर को तर-बतर कर दिया। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाईं, लेकिन लोक निर्माण विभाग (PWD) की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता ने इस चुनौती का डटकर मुकाबला किया। मात्र दो घंटों में 90% से अधिक शिकायतों का समाधान कर PWD ने न सिर्फ अपनी कार्यकुशलता दिखाई, बल्कि दिल्लीवासियों को राहत भी पहुंचाई।
मंत्री की सक्रियता, हालात पर नजर
PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने बारिश के बीच शुक्रवार सुबह से ही मोर्चा संभाला। मिंटो रोड जैसे प्रभावित इलाकों का दौरा कर उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ मिलकर जल निकासी के कार्यों की बारीकी से निगरानी की। वर्मा ने बताया कि जलभराव के प्रमुख स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है और इनके स्थायी समाधान के लिए पुख्ता योजना बनाई जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस बार की बारिश ने तैयारियों की कुछ कमियां उजागर कीं, लेकिन उनकी टीम ने तुरंत कदम उठाकर स्थिति को नियंत्रित किया।
30-60 मिनट में जलभराव पर काबू
PWD की 24×7 कंट्रोल रूम टीमें, मोबाइल पंप यूनिट, सुपर सक्शन मशीनें और बेल माउथ क्लीनिंग टीमें रातभर सक्रिय रहीं। अधिकांश इलाकों में 30 से 60 मिनट के भीतर जलभराव को हटा लिया गया। कुछ निचले इलाकों में थोड़ा समय जरूर लगा, लेकिन वहां भी स्थिति जल्द सामान्य हो गई। मंत्री वर्मा ने गर्व से कहा, “पिछले दो महीनों में हमने सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त और जवाबदेह बनाया है। पहले से अलर्ट टीमें और तेज प्रतिक्रिया ने हमें इस बारिश में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की।”
10 साल का पाप, धीरे-धीरे साफ होगा
वर्मा ने जलभराव की समस्या को “पिछले 10 वर्षों का पाप” करार देते हुए कहा कि इसे पूरी तरह खत्म करने में समय लगेगा। फिर भी, उनकी सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। PWD अब केवल तात्कालिक समाधान तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थायी सुधार और समयबद्ध प्रतिक्रिया प्रणाली पर जोर दे रहा है। दिल्ली सरकार का दृष्टिकोण अब रिएक्टिव से प्री-एक्टिव हो चला है, जिसका असर जनता भी महसूस करने लगी है।
आप का आरोप, सरकार का जवाब
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजीव झा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “साधारण बारिश ने चार इंजन वाली सरकार को डुबो दिया।” उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री की बड़ी-बड़ी बातें और जलभराव रोकने की तैयारियों के दावे खोखले साबित हुए। जवाब में, वर्मा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी टीमें हर चुनौती के लिए तैयार थीं और त्वरित कार्रवाई इसका सबूत है।
बता दें, दिल्ली में बारिश और जलभराव की यह जंग नई नहीं है, लेकिन PWD की इस बार की मुस्तैदी ने उम्मीद जगाई है। अगर सरकार अपने प्री-एक्टिव दृष्टिकोण और स्थायी समाधानों पर अमल करती रही, तो शायद दिल्लीवासियों को जल्द ही जलभराव के डर से मुक्ति मिल सके। तब तक, बारिश के साथ यह लड़ाई और PWD की मेहनत जारी रहेगी।