नई दिल्ली, 7 जून 2025, शनिवार: महाराष्ट्र चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है! विपक्ष के सिपहसालार राहुल गांधी ने एक तीखा ट्वीट कर चुनाव आयोग पर सवालों की बौछार कर दी थी। लेकिन अब, चुनाव आयोग ने न सिर्फ जवाब दिया, बल्कि उसे इतने भावनात्मक और दमदार अंदाज में पेश किया कि हर कोई हैरान है!
“आरोप नहीं, ये है कानून का अपमान!”
चुनाव आयोग ने दो टूक कहा कि मतदाता सूची को लेकर लगाए जा रहे इल्जाम न सिर्फ निराधार हैं, बल्कि ये कानून की तौहीन हैं। आयोग ने खुलासा किया कि 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को इस मामले पर विस्तृत जवाब दिया जा चुका है, जो उनकी वेबसाइट पर चमक रहा है। फिर भी, बार-बार वही पुराने राग अलापे जा रहे हैं, जैसे तथ्यों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा हो!
“हमारी मेहनत पर सवाल मत उठाओ!”
चुनाव आयोग ने दिल खोलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “हम दिन-रात पारदर्शिता के साथ काम करते हैं। गलत जानकारी फैलाना न सिर्फ कानून का अपमान है, बल्कि उन हजारों प्रतिनिधियों को भी बदनाम करता है, जिन्हें राजनीतिक पार्टियों ने खुद चुना है। हमारे लाखों कर्मचारी, जो पसीना बहाकर, पूरी निष्ठा से चुनाव करवाते हैं, उनकी मेहनत पर कीचड़ उछालना कहां का इंसाफ है?”
“हार का ठीकरा हम पर नहीं!”
आयोग ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि हार के बाद “चुनाव आयोग ने समझौता किया” जैसे बेबुनियाद इल्जाम लगाना सरासर गलत है। “हमारे कर्मचारी खून-पसीना एक करके काम करते हैं। हार का गुस्सा निकालने के लिए हमारी निष्ठा पर शक करना बंद करें!” आयोग ने यह भी जोड़ा कि सारे जवाब उनकी वेबसाइट पर मौजूद हैं, फिर भी कुछ लोग उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश में जुटे हैं।
सियासत का शोर या सच की पुकार?
चुनाव आयोग ने न सिर्फ अपनी बात मजबूती से रखी, बल्कि एक भावनात्मक अपील के साथ सियासी हंगामे को शांत करने की कोशिश की है। अब सवाल यह है कि क्या यह जवाब सियासी तूफान को थाम पाएगा, या फिर यह विवाद और गहराएगा? गेंद अब जनता और सियासत के पाले में है!