बेंगलुरु, 08 अगस्त 2025: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 1,00,250 वोटों की हेराफेरी की गई, जिसके चलते बीजेपी ने बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर 32,707 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। खास बात यह है कि जिस महादेवपुरा क्षेत्र का जिक्र राहुल ने किया, वहां कांग्रेस को आज तक विधानसभा चुनाव में जीत नसीब नहीं हुई है।
राहुल गांधी आज शुक्रवार को बेंगलुरु में एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे, जहां वे चुनावी प्रक्रिया में कथित धांधली को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साध सकते हैं। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बीजेपी को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है।
बेंगलुरु सेंट्रल में कांटे की टक्कर
2024 के लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर कांग्रेस के मंसूर अली खान और बीजेपी के तीन बार के सांसद पीसी मोहन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। शुरुआती मतगणना में खान ने 80,000 से अधिक वोटों की बढ़त बना ली थी, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जीत की उम्मीद जागी। हालांकि, दोपहर तक रुझान बदल गए और बीजेपी के मोहन ने 6,58,915 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि खान को 6,26,208 वोट मिले। इस तरह, हार-जीत का अंतर मात्र 32,707 वोटों का रहा। नोटा (NOTA) को 12,126 वोट मिले, जो तीसरे स्थान पर रहा।
महादेवपुरा: बीजेपी का गढ़
राहुल गांधी ने अपने दावे के लिए महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र को केंद्र में रखा, जो बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट का हिस्सा है। 2008 में अस्तित्व में आए इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा रहा है। बीजेपी नेता अरविंद लिंबावली ने 2008, 2013 और 2018 में यहां से जीत हासिल की, जबकि 2023 में उनकी पत्नी मंजुला ने 44,501 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस कभी जीत नहीं पाई।
महादेवपुरा, जो कभी झीलों के लिए जाना जाता था, अब हाई-राइज इमारतों और प्रवासी आबादी का केंद्र है। बीजेपी ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाई हुई है, जिसे राहुल गांधी ने अपने ‘वोट चोरी’ के दावे का आधार बनाया।
वोट चोरी का दावा और पुराना विवाद
राहुल गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा के 3.25 लाख वोटरों में से 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई। यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में मतदाता सूची को लेकर सवाल उठे हैं। 2022 में बीजेपी शासित बेंगलुरु नगर निगम (बीबीएमपी) द्वारा एक निजी फर्म ‘चिलुमे ग्रुप’ को वोटर डेटा जुटाने का ठेका देने पर विवाद हुआ था। तब कांग्रेस ने वोटर लिस्ट में हेरफेर का आरोप लगाया था। हालांकि, चुनाव आयोग की जांच में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी।
क्या है कांग्रेस की रणनीति?
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि बेंगलुरु सेंट्रल में मिली हार के पीछे वोटर लिस्ट में गड़बड़ी एक बड़ा कारण हो सकता है। राहुल गांधी ने पहले भी संसद के बाहर ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाया था, और अब बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन के जरिए वे इस मुद्दे को और हवा देना चाहते हैं। पार्टी का लक्ष्य बीजेपी पर दबाव बनाना और आगामी बिहार चुनावों से पहले मतदाताओं में अविश्वास पैदा करना हो सकता है।
बीजेपी का जवाब
बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने अपनी जीत को स्वच्छ और पारदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि महादेवपुरा और सीवी रमन नगर जैसे क्षेत्रों में बीजेपी को मिला समर्थन उनकी जीत का आधार बना। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी के आरोप बेबुनियाद हैं और कांग्रेस अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रही है।
चुनाव आयोग ने अभी तक राहुल गांधी के ताजा आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। जैसे-जैसे यह मामला तूल पकड़ रहा है, बेंगलुरु सेंट्रल और महादेवपुरा एक बार फिर सियासी चर्चा के केंद्र में आ गए हैं।