प्रतापगढ़, 09 अगस्त 2025: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा 07 अगस्त 2025 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत दोहरे मतदाता सूची के आंकड़े भारत निर्वाचन आयोग की जांच में भ्रामक पाए गए हैं। राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसका विषय था “The foundation of the constitution is the vote, Vote has been destroyed”, में उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में दो व्यक्तियों– आदित्य श्रीवास्तव (इपिक नं. FPP6437040) और विशाल सिंह (इपिक नं. INB2722288)—के नाम एक से अधिक स्थानों पर अंकित होने का दावा किया था।
राहुल गांधी ने दावा किया कि आदित्य श्रीवास्तव का नाम मुंबई सबअर्बन की विधानसभा 158 (जोगेश्वरी पूर्व), बेंगलुरु अर्बन की विधानसभा 174 (महादेवपुरा), और लखनऊ की विधानसभा 173 (लखनऊ पूर्व) की मतदाता सूची में दर्ज है। इसी तरह, विशाल सिंह का नाम बेंगलुरु की विधानसभा 174 (महादेवपुरा) और वाराणसी की विधानसभा 390 (वाराणसी कैंट) में अंकित बताया गया। ये आंकड़े कथित तौर पर 16 मार्च 2025 को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिए गए थे।
हालांकि, निर्वाचन आयोग की वेबसाइट (voters.eci.gov.in) पर 07 अगस्त 2025 को की गई जांच में ये दावे असत्य पाए गए। जांच के अनुसार, आदित्य श्रीवास्तव (इपिक नं. FPP6437040) का नाम केवल बेंगलुरु अर्बन की विधानसभा 174 (महादेवपुरा, बूथ नं. 458, क.सं. 1265) में ही दर्ज है, जबकि विशाल सिंह (इपिक नं. INB2722288) का नाम भी केवल बेंगलुरु की उसी विधानसभा (महादेवपुरा, बूथ नं. 513, क.सं. 926) में पाया गया। उत्तर प्रदेश की लखनऊ पूर्व (विधानसभा 173) और वाराणसी कैंट (विधानसभा 390) की मतदाता सूचियों में इन दोनों व्यक्तियों के नाम दर्ज नहीं हैं।
निर्वाचन आयोग के इस खुलासे ने राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत तथ्यों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की जाती है, और किसी भी अनियमितता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।