नई दिल्ली, 6 जून 2025, शुक्रवार: कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को बिहार के गया जिले में एक यादगार दौरे के दौरान ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के परिवार से दिल छू लेने वाली मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने न केवल मांझी के संघर्ष को सम्मान दिया, बल्कि उनके परिवार की आकांक्षाओं और चुनौतियों को भी करीब से समझा। राहुल ने गया के दशरथ नगर गांव पहुंचकर दशरथ मांझी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया, जिसके बाद गाजे-बाजे के साथ उनका जोरदार स्वागत हुआ।

दशरथ मांझी के परिवार संग आत्मीय पल
दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी ने राहुल गांधी का गर्मजोशी से स्वागत किया। राहुल ने परिवार के अन्य सदस्यों से भी मुलाकात की और उनके साथ बैठकर नारियल पानी का आनंद लिया। इस अनौपचारिक बातचीत में परिवार ने अपनी आर्थिक तंगी और चुनौतियों को साझा किया, साथ ही मदद की गुहार लगाई। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भागीरथ मांझी ने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, जिसने इस मुलाकात को सियासी रंग भी दे दिया। इसके बाद राहुल, भागीरथ को अपने साथ लेकर राजगीर में आयोजित एक कार्यक्रम के लिए रवाना हुए।
राहुल ने गहलोर गांव में भी दशरथ मांझी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया, जिससे उनके इस दौरे में मांझी के प्रेरक जीवन और उनकी विरासत के प्रति सम्मान और गहरा हो गया। यह दौरा न केवल भावनात्मक रूप से प्रभावशाली रहा, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया।

नालंदा में तीखा हमला: ‘बिहार अब अपराध की राजधानी’
नालंदा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बिहार, जो कभी शांति, न्याय और बुद्ध की भूमि के रूप में जाना जाता था, आज भारत की अपराध की राजधानी बन चुका है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों पर खामोश हैं, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को रोकने में भूमिका निभाई। राहुल ने जोर देकर कहा, “मैं संविधान को बचाने के लिए जाति जनगणना की लड़ाई लड़ रहा हूं। लेकिन सरकार की नीयत साफ नहीं है। जाति जनगणना की प्रश्नावली तैयार करने में ओबीसी और आदिवासी समुदाय के अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया, जो इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।”

‘मोदी को सरेंडर करने की आदत’
राजगीर में राहुल ने और भी तल्ख अंदाज में केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य है जाति जनगणना, और मैंने लोकसभा में पीएम मोदी के सामने साफ कहा कि यह होगी। ट्रंप ने 11 बार सार्वजनिक रूप से दावा किया कि उन्होंने मोदी को सरेंडर करवाया, लेकिन मोदी एक शब्द नहीं बोलते, क्योंकि यह सच है।” उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह कभी सच्ची जाति जनगणना नहीं करवाएगी, क्योंकि इससे उनकी सियासत का आधार हिल जाएगा।

जाति जनगणना: बीजेपी बनाम तेलंगाना मॉडल
राहुल ने जाति जनगणना के दो मॉडलों की तुलना करते हुए कहा, “बीजेपी का मॉडल बंद कमरों में बनाया गया, जहां सवालों का 90% हिस्सा बेमतलब है। इसके उलट, तेलंगाना में हमने जनता के बीच जाकर, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों से पूछा कि वे प्रश्नावली में क्या चाहते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सही सवाल ही जाति जनगणना को प्रभावी और समावेशी बनाएंगे।

सियासी और सामाजिक संदेश
राहुल गांधी का यह बिहार दौरा कई मायनों में खास रहा। दशरथ मांझी के परिवार से उनकी मुलाकात ने सामाजिक न्याय और संघर्ष की भावना को उजागर किया, तो वहीं उनके तीखे बयानों ने बिहार और राष्ट्रीय स्तर पर सियासी हलचल मचा दी। भागीरथ मांझी की चुनाव लड़ने की इच्छा ने इस दौरे को एक नया राजनीतिक आयाम दिया, जिस पर आने वाले दिनों में और चर्चा होने की संभावना है।