लखनऊ, 16 जुलाई 2025: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में भारतीय सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित एक मानहानि मामले में सरेंडर किया। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए 20-20 हजार रुपये के दो मुचलकों पर जमानत दे दी। राहुल गांधी करीब एक घंटे तक कोर्ट में रहे और औपचारिक कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
यह मामला 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में 9 दिसंबर 2022 को भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प का जिक्र करते हुए कहा था, “लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में सवाल पूछते हैं, लेकिन कोई यह नहीं पूछता कि चीनी सैनिकों ने हमारे जवानों की पिटाई कैसे की।” इस बयान को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सेवानिवृत्त निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने मानहानिकारक बताते हुए लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी का बयान भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला था और इससे सैनिकों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
राहुल गांधी ने इस मामले में पहले पांच सुनवाइयों में कोर्ट में हाजिर नहीं होने के कारण समन जारी किया गया था। मंगलवार को कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वे व्यक्तिगत रूप से एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा की अदालत में पेश हुए। उनके वकील ने तुरंत जमानत याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले की अगली सुनवाई में कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
राहुल गांधी दोपहर करीब 12:30 बजे दिल्ली से चार्टर्ड विमान के जरिए लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। यूपी कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सहित कई नेताओं ने उनकी अगवानी की।
कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी पर सेना और देश विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में तीखी बयानबाजी को जन्म दिया है, क्योंकि यह न केवल कानूनी बल्कि राष्ट्रीय संवेदनशीलता से जुड़ा मुद्दा है।
भारतीय सेना ने 12 दिसंबर 2022 को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश की थी, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया, और चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया था। इस टकराव में दोनों पक्षों को मामूली चोटें आई थीं।
राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि उनका बयान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में था और उनका उद्देश्य सेना का अपमान करना नहीं था। बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज है, जिसमें मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।