कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आज गुरुद्वारे और मंदिर में माथा टेक रहे हैं। राहुल ने पंजाब में चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले अमृतसर में सिखों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल श्री हरमिंदर साहिब यानी स्वर्ण मंदिर में माथा टेका। इसके बाद वह दुर्ग्याणा मंदिर और भगवान वाल्मीकि तीर्थ भी पहुंचे। इसके सियासी मायने क्या हैं? आइये समझते हैं…
पहले उन स्थलों को जान लीजिए जहां राहुल गांधी पहुंचे
राहुल गांधी और कांग्रेस के सभी प्रत्याशी।
1. श्री हरमिंदर साहिब ,ये सिखों का सबसे पावन धार्मिक स्थल और गुरुद्वारा माना जाता है। इसे दरबार साहिब और स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। अमृतसर शहर के बीचो-बीच स्थित हरमिंदर साहिब में हर रोज हजारों श्रद्धालु आते हैं। सिखों के अलावा बड़ी संख्या में हिंदू भी यहां माथा टेकते हैं। अमृतसर का नाम उस सरोवर के नाम पर रखा गया है जिसका निर्माण गुरु राम दास ने स्वयं अपने हाथों से किया था। यह गुरुद्वारा इसी सरोवर के बीचोबीच स्थित है। इस गुरुद्वारे का बाहरी हिस्सा सोने का बना हुआ है, इसलिए इसे ‘स्वर्ण मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है।
2. श्री दुर्ग्याणा मंदिर , अमृतसर का जिक्र आते ही लोगों के जेहन में स्वर्ण मंदिर और जलियांवाला बाग का ख्याल आता है, लेकिन यहां आस्था का एक और बड़ा केंद्र है। यह श्री दुर्ग्याणा मंदिर है। कहा जाता है कि इसका निमार्ण 16वीं सदी में कराया गया था, लेकिन मंदिर के अभी का स्वरूप 1921 के आसपास बना है। 1921 में जब इसे नया स्वरूप दिया गया तब इसका उद्घाटन पं. मदन मोहन मालवीय ने किया था। मंदिर में लक्ष्मी जी, हनुमान जी और विष्णु जी की प्रतिमाएं हैं। मान्यता है कि मंदिर में आने वालों की मनोकामना पूरी होती है।
3. भगवान वाल्मीकि तीर्थ , अमृतसर शहर में स्थित भगवान वाल्मीकि तीर्थ का अपना अलग ही महत्व है। यह हिंदुओं के चुनिंदा और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। 2016 में यहां भगवान वाल्मीकि की आठ फुट ऊंची 800 किलोग्राम सोने की प्रतिमा लगायी गई है।
पंजाब में धर्म के आधार पर आबादी
धर्म आबादी
सिख 57.69%
हिंदू 38.49%
मुस्लिम 1.93%
ईसाई 1.26%
जैन 0.16%
बौद्ध 0.12%
मंदिर और गुरुद्वारे में जाने से क्या फायदा मिलेगा?
चंडीगढ़ से राजनीतिक हलचल पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दीपक यादव कहते हैं, ‘ पंजाब में हिंदू और सिखों की कम्युनिटी सबसे ज्यादा है। ऐसे में हर नेता यहां इन दोनों वर्ग के वोटर्स का दिल और वोट जीतना चाहता है। चुनाव के वक्त कोई भी राजनीतिक हस्ती पंजाब में हरमिंदर साहिब के दरबार में माथा टेकना नहीं भूलती। यहां माथा टेकने के बाद 99% नेता श्री दुर्ग्याणा मंदिर जरूर जाते हैं। राहुल गांधी भी यही कर रहे।’
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद श्रीवास्तव कहते हैं कि राहुल गांधी एक कंप्लीट पैकेज के साथ पंजाब पहुंचे हैं। अपने इस दौरे से वह पांच बड़े संदेश देना चाहते हैं।
1. सिखों के लिए उनके दिल में सम्मान है।
2. हिंदू धर्म में उनकी आस्था अटूट है।
3. भगवान वाल्मीकि तीर्थ जाकर वह दलित वोटर्स को अपने पाले में करना चाहते हैं। कांग्रेस ने पहली बार चन्नी के रूप में किसी दलित को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है। इसका भी फायदा मिलने की राहुल और उनकी पार्टी को उम्मीद है।
4. सभी 117 प्रत्याशियों, सीएम चन्नी, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कैंपेन कमेटी के प्रभारी ,सुनील जाखड़ को एकसाथ लाकर वह पंजाब के लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि पंजाब कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है। सबकुछ ठीक है और सभी नेता एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
5. आखिर में वह लोगों को खुद के एक्टिव होने का एहसास कराना चाहते हैं।