वाराणसी, 6 मई 2025, मंगलवार। राफेल सौदे को लेकर छिड़ा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए राफेल पर दिए अपने बयान पर अडिग रहने का ऐलान किया। राय ने कहा कि उन्होंने जनता के सामने सिर्फ सच्चाई रखी है और पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है। राय ने कहा “जब भारत में पाकिस्तानी चैनल प्रतिबंधित हैं, तो भाजपा को कैसे पता कि वहां क्या खबरें चल रही हैं?”
अजय राय ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने राफेल विमान को लेकर ‘नींबू-मिर्च’ टांगने की बात कही थी। राय ने तंज कसते हुए कहा, “देश अब उस नींबू-मिर्च के उतरने का इंतजार कर रहा है। पहलगाम के शहीद परिवार और देश की जनता पाकिस्तान पर कार्रवाई चाहती है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे जनता में गुस्सा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस हमले के पहले दिन से ही कार्रवाई की मांग कर रही है और इस मुद्दे पर अब भी अटल है।
भाजपा का पलटवार: कांग्रेस पर ‘देश विरोधी’ होने का आरोप
अजय राय के बयान से बौखलाई भाजपा ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस को ‘पाकिस्तानपरस्त’ और ‘आतंकवाद की हमदर्द’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयान देश की सेना और सम्मान पर हमला हैं। उन्होंने तंज कसते हुए सुझाव दिया कि “कांग्रेस मुख्यालय और इसके नेताओं के गले में नींबू-मिर्च की माला पहनानी चाहिए।” मौर्य ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल दशकों तक सत्ता में रहकर गरीबों, दलितों और वंचितों का शोषण करते रहे, जबकि मोदी सरकार इन तबकों को सशक्त बना रही है।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे और गंभीर रंग देते हुए कांग्रेस को ‘पांचवां स्तंभ’ करार दिया, जो सेना का मनोबल तोड़ने का काम कर रहा है। त्रिवेदी ने पाकिस्तानी सेना और विपक्षी नेताओं की तुलना करते हुए कहा कि जहां पाकिस्तानी सेना सीमा पर गोलीबारी करती है, वहीं कांग्रेस नेता देश के भीतर से सेना पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी मीडिया भारतीय नेताओं के बयानों को उद्धृत कर भारत सरकार और सेना की आलोचना करता है, जो चिंता का विषय है।
सियासी तनातनी में जनता की नजर
यह पूरा विवाद राफेल सौदे से शुरू होकर अब राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के सम्मान तक पहुंच चुका है। अजय राय ने जहां सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठाए, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की ‘देश विरोधी’ मानसिकता करार दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी बयानबाजी ने सियासी माहौल को और गर्मा दिया है। अब सवाल यह है कि क्या यह विवाद सिर्फ सियासी बयानबाजी तक सीमित रहेगा, या जनता को वह जवाब मिलेगा, जिसका वह इंतजार कर रही है? नींबू-मिर्च का यह सियासी तड़का निश्चित रूप से लंबे समय तक चर्चा में रहेगा।