राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को भागलपुर दौरे से पूर्व आतंकी संगठन आईएस ने धमकी दी है। उन्हें नक्सलियों और कट्टरपंथियों की ओर से भी धमकी मिली है। एसएसपी आनंद कुमार ने बताया, भागवत के 10 फरवरी के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन महासभा के लोगों से लगातार संपर्क में है। एसएसपी ने महर्षि मेहीं दास की उस गुफा का भी निरीक्षण किया, जहां भागवत के जाने का कार्यक्रम है।
वहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत के हाल में दिए एक भाषण में कथित रूप से पंडितों को ब्राह्मणों को बदनाम करने के मामले में बिहार की एक अदालत में शिकायत दर्ज की गई। वकील सुधीर कुमार ओझा ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष याचिका दायर की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संघ प्रमुख ने जातियां बनाने के लिए ‘पंडितों’ को जिम्मेदार बताया था। सभी प्रकार की हस्तियों के खिलाफ अपनी याचिकाओं से सुर्खियों में रहने वाले ओझा ने भागवत के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सार्वजनिक शांति भंग करने की धाराओं में मामला दर्ज कराया। अदालत इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई करेगी।
केस दर्ज कराने के लिए तहरीरराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ केस दर्ज कराने की तहरीर मंगलवार को कोतवाली थाने में दी गई है। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की वाराणसी इकाई के पदाधिकारियों का कहना है कि ब्राह्मण समाज अपमानित महसूस कर रहा है। दूसरी तरफ, केंद्रीय ब्राह्मण महासभा युवा मंच के पदाधिकारियों ने बैठक करके भागवत के बयान की निंदा की। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष हिमांशु मिश्रा ने तहरीर दी। साथ ही संघ प्रमुख पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसी तरह केंद्रीय ब्राह्मण महासभा युवा मंच ने सुंदरपुर स्थित बजरंग भवन में बैठक की।