श्रीनगर, 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए, ने देश में सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की विफलता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सर्वदलीय बैठक में अधिकांश राजनीतिक दलों ने इस हमले को इंटेलिजेंस विफलता और अपर्याप्त सुरक्षा तैनाती का परिणाम बताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विशेष रूप से सवाल उठाया कि पर्यटक स्थल बैसरन घाटी में, जहां हमला हुआ, वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं तैनात थे।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। जांच एजेंसियों के अनुसार, हमले में पांच आतंकी शामिल थे, जिनमें से दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी थे। इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में मौजूद है। आतंकियों ने पुलिस की वर्दी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे पर्यटकों में दहशत फैल गई।
24 अप्रैल को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार को हर कठोर कदम में समर्थन देने का आश्वासन दिया। हालांकि, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), और आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुरक्षा चूक पर तीखे सवाल उठाए। राहुल गांधी ने कहा, “यह समझ से परे है कि इतने लोकप्रिय पर्यटक स्थल पर कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था। सरकार को जवाबदेही तय करनी होगी।” TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और AAP सांसद संजय सिंह ने भी मांग की कि सुरक्षा खामियों की जांच हो और आतंकी शिविरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद स्वीकार किया कि सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई है। उन्होंने कहा, “सरकार इस मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो ने विपक्ष को हमले से जुड़ी जानकारी दी और बताया कि सुरक्षा बलों ने बारामूला में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है, जबकि बैसरन घाटी में तलाशी अभियान जारी है।
राहुल गांधी शुक्रवार को श्रीनगर और अनंतनाग का दौरा कर घायलों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा, “आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए।” इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में उच्चस्तरीय बैठक की और सुरक्षा बलों को हमलावरों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए, जिनमें सिंधु जल समझौते से पीछे हटना और राजनयिक कर्मचारियों को हटाना शामिल है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब कश्मीर में पर्यटन अपने चरम पर है। विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला घाटी की अर्थव्यवस्था और शांति को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया है, और 1,500 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा रही है।