नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025: चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विपक्षी सांसदों ने आज संसद के मकर द्वार से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकाला, लेकिन इस प्रदर्शन को बीजेपी ने ‘झूठ का पहाड़’ करार दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के दावों को लेकर शुरू हुआ यह सियासी घमासान अब और गहरा गया है। विपक्ष के मार्च के दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत कई सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिसने इस मुद्दे को और तूल दे दिया।
राहुल के दावों पर बीजेपी का करारा जवाब
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष के इस कदम को ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस बार-बार झूठ की दुकान खोलते हैं। कभी EVM पर सवाल उठाते हैं, कभी महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों को निशाना बनाते हैं। जब हार सामने आती है, तभी इन्हें लोकतंत्र की याद आती है।” प्रधान ने राहुल के वोट चोरी के दावों को ‘बेबुनियाद’ बताते हुए कहा कि भारतीय मीडिया ने उनके हर दावे का फैक्ट-चेक कर बेनकाब किया है।
‘कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं, सिर्फ अराजकता’
धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर मुद्दाविहीन राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने पहले EVM, फिर राफेल और यहाँ तक कि भारतीय सेना पर सवाल उठाए। अब वोट चोरी का नया शिगूफा छोड़ा है। यह उनकी सोची-समझी रणनीति है, जिसका मकसद सिर्फ अराजकता फैलाना है।” उन्होंने विपक्ष से संसद में मुद्दों पर चर्चा करने की अपील की और ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा, “जब संसद में चर्चा का मौका मिला, तब इनके पास कहने को कुछ था ही नहीं।”
वोट चोरी का दावा और विपक्ष का हंगामा
राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के महादेवपुरा के आंकड़ों का हवाला देते हुए वोट चोरी का सनसनीखेज दावा किया था। उन्होंने पांच तरीकों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया में धांधली हो रही है। इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इसे अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद मार्च निकालने की जिद पर अड़े सांसदों को हिरासत में ले लिया गया।
‘चुनाव आयोग को बदनाम करने की साजिश’
बीजेपी ने विपक्ष के इस कदम को चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठाने की साजिश करार दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “राहुल गांधी घुसपैठियों को वोटर बनाकर अपनी सियासी रोटियाँ सेंकना चाहते हैं। वे कहते हैं कि चुनाव आयोग को ‘एटम बम’ से उड़ा देंगे। यह लोकतंत्र के खिलाफ खुला षड्यंत्र है।”
सियासत का नया रंग
विपक्ष के इस प्रदर्शन और बीजेपी के पलटवार ने देश की सियासत को एक बार फिर गर्मा दिया है। जहाँ विपक्ष इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बता रहा है, वहीं बीजेपी इसे सियासी नौटंकी करार दे रही है। सवाल यह है कि क्या यह वाकई चुनावी प्रक्रिया पर सवाल है या फिर हार के बाद का सियासी शोर? इस सवाल का जवाब शायद आने वाले दिनों में ही मिलेगा।