पुरी, 28 जून 2025: विश्व प्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा शुक्रवार, 27 जून को भक्ति और उत्साह के बीच शुरू हुई, लेकिन भीषण गर्मी और भारी भीड़ ने उत्सव पर स्वास्थ्य संकट का साया डाल दिया। इस भव्य आयोजन में 750 से अधिक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई, जिनमें से 12 को गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती करना पड़ा।
लाखों भक्तों ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विशाल रथों को खींचने के लिए पुरी की सड़कों पर डेरा डाला। मगर, उमस भरी गर्मी और भीड़भाड़ ने कई लोगों को बेहोशी, उल्टी और मामूली चोटों का शिकार बना दिया। पुरी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. किशोर सतपथी ने बताया, “अधिकांश मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। सौभाग्यवश, कोई हताहत नहीं हुआ।”
70 मरीजों का इलाज जारी, 9 की हालत गंभीर
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि अत्यधिक गर्मी और उमस इस स्वास्थ्य आपातकाल का प्रमुख कारण रही। पुरी के जिला मुख्यालय अस्पताल में 70 लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें 9 की हालत गंभीर है। सूत्रों के मुताबिक, बालागंडी क्षेत्र में भगवान बलभद्र का रथ ‘तलध्वज’ एक घंटे से अधिक समय तक फंसा रहा, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई और कई लोग घायल हो गए।
विशाल तैयारियों के बावजूद चुनौती
पुरी जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ स्वैन ने बताया कि रथ यात्रा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे। 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और एनएसजी जवानों की तैनाती के साथ-साथ AI कैमरों से निगरानी की गई थी। फिर भी, अप्रत्याशित भीड़ और मौसम की मार ने प्रशासन को मुश्किल में डाला।
रथ यात्रा का आध्यात्मिक वैभव
जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म का एक पवित्र उत्सव है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथों में गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। इस बार यात्रा की शुरुआत सुबह 6 बजे मंगला आरती के साथ हुई, जिसके बाद छेरा पनहरा जैसे पवित्र अनुष्ठान संपन्न हुए। दोपहर 4 बजे से रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो भक्तों के लिए आस्था और एकता का प्रतीक बनी।
प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा उपायों का आश्वासन दिया है। फिलहाल, सभी की निगाहें उन मरीजों की रिकवरी पर टिकी हैं, जो इस पवित्र उत्सव का हिस्सा बनने आए थे।