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नई दिल्ली, 26 मार्च 2025, बुधवार। आगरा में बुधवार को उस वक्त हंगामा मच गया, जब करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर धावा बोल दिया। यह हमला तब हुआ, जब सांसद ने राज्यसभा में मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा को “गद्दार” कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। गुस्साए कार्यकर्ता बुलडोजर और भारी भीड़ के साथ सांसद के आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने जमकर तोड़फोड़ मचाई। घर के बाहर खड़ी दर्जनों कुर्सियां चकनाचूर कर दीं, मेन गेट तोड़ने की कोशिश की और 10 से ज्यादा गाड़ियों को निशाना बनाया। पथराव और हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
हैरानी की बात यह थी कि घटनास्थल से महज एक किलोमीटर दूर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम चल रहा था। हालात बेकाबू होते देख सपा कार्यकर्ता भी सांसद के बचाव में कूद पड़े, जिसके बाद दोनों गुटों में तीखी झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन हालात संभालने के लिए कई थानों की फोर्स बुलानी पड़ी। करणी सेना के कार्यकर्ता “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए बैरिकेड तोड़ते रहे और एक्सप्रेस-वे से शहर में घुस आए। सुरक्षा के लिए सांसद की सोसाइटी के गेट बंद कर दिए गए और लोगों को घरों से बाहर निकलने से मना किया गया।
करणी सेना का गुस्सा और ओकेंद्र राणा का ऐलान
करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने इस घटना के बाद एक वीडियो जारी कर सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “रामजी लाल सुमन ने हमारे महापुरुष राणा सांगा का अपमान किया है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनके घर की हर ईंट पर राणा सांगा का नाम लिखा जाएगा। माफी मांगनी है तो रुपवास में महाराणा सांगा के स्मारक पर नाक रगड़कर मांगें।” ओकेंद्र ने क्षत्रिय और राजपूत समाज से एकजुट होकर जवाब देने की अपील की, ताकि कोई भी भविष्य में ऐसे बयान देने से पहले सौ बार सोचे।
सांसद ने क्या कहा था?
यह पूरा विवाद 21 मार्च को राज्यसभा में सपा सांसद के एक बयान से शुरू हुआ। रामजी लाल सुमन ने कहा था, “भाजपा वाले कहते हैं कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को भारत में राणा सांगा लेकर आया था, जिसने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए उसका साथ लिया। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो हिंदू गद्दार राणा सांगा की औलाद हैं।” सांसद ने यह भी दावा किया कि बाबर की आलोचना होती है, लेकिन राणा सांगा की नहीं, जबकि आजादी की लड़ाई में कुछ लोगों ने अंग्रेजों की गुलामी की थी। उनके इस बयान ने क्षत्रिय समाज में आक्रोश की आग भड़का दी।
कौन थे राणा सांगा?
राणा सांगा, जिनका पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था, मेवाड़ के एक शक्तिशाली राजपूत शासक थे। उन्होंने 1509 से 1528 तक 19 साल शासन किया और सिसोदिया वंश के गौरव को बढ़ाया। राणा रायमल के सबसे छोटे बेटे सांगा ने न सिर्फ मेवाड़ का विस्तार किया, बल्कि राजपूताना के सभी राजाओं को एकजुट कर विदेशी आक्रमणकारियों से लोहा लिया। दिल्ली, गुजरात और मालवा के मुगल शासकों के खिलाफ उनकी वीरता आज भी इतिहास में दर्ज है। ऐसे में उनके खिलाफ सांसद का बयान करणी सेना और राजपूत समाज को नागवार गुजरा, जिसका नतीजा आगरा की सड़कों पर देखने को मिला।
यह घटना न सिर्फ राजनीतिक विवाद का हिस्सा बन गई है, बल्कि समाज में गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जख्मों को भी उजागर कर रही है।