वाराणसी, 21 नवंबर 2024, गुरुवार। वाराणसी में गंगा नदी में मत्स्य संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में, गंगा नदी में 75,000 भारतीय मेजर कार्प की मत्स्य अगुलिका संचय की गई। यह कार्यक्रम विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर मछुआरों के सम्मान में आयोजित किया गया था।
जिला पंचायत की अध्यक्ष पूनम मौर्या ने बताया कि गंगा नदी में मत्स्य अगुलिका संचय कर मत्स्य संरक्षण को बढ़ावा देने और जल पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मछुआरा समाज सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है, और उनका मुख्य व्यवसाय मत्स्य आखेट और मत्स्य विक्रय है।
इस कार्यक्रम में, मत्स्य विभाग द्वारा मछुआ समुदाय के लोगों को विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई, जैसे कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषाद राज बोड सब्सिडि योजना, मछुआ कल्याण कोष, किसान क्रेडिट कार्ड, और मछुआ दुर्घटना बीमा।
इसके अलावा, राजेन्द्र कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, ने बताया कि भारत विश्व में जलीय कृषि के माध्यम से मछली का दूसरा प्रमुख उत्पादक देश है, लेकिन प्रमुख नदियों में मूल मछली की प्रजातियां और उनकी संख्या विगत 10 वर्षों से घटती जा रही है।