दशहरा के दिन दो महत्वपूर्ण हस्तियों की आकस्मिक मृत्यु हुई है। राजनेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गयी जबकि पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की इलाज के दौरान हैदराबाद में मृत्यु हो गयी ।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा का 12 अक्टूबर की रात को निधन हो गया। जीएन साईबाबा अर्बन नक्सल के मास्टर माइंड माने जाते थे और माओवादियों से कनेक्शन के आरोप में वो दस सालों तक जेल में भी रहे थे। इसी साल कोर्ट ने उन्हें रिहा किया था। सबूतों के अभाव में कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ केस साबित नहीं हो पाया है। उनके सहयोगियों ने बताया कि 12 अक्टूबर को रात करीब आठ बजे जीएन साईबाबा को दिल का दौरा पड़ा और साढ़े आठ बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे जीएन साईबाबा की मौत पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद ऑपरेशन से जुड़ी जटिलताओं के चलते हुई. उनका हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में इलाज चल रहा था. खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्हें 10 दिन पहले भर्ती कराया गया था।
गौरतालाब है कि महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने जीएन साईबाबा को 9 मई 2014 को गिरफ्तार किया था. आरोप लगे कि वो प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और उसके प्रमुख समूह रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्य रहे ।
महाराष्ट्र की एक निचली अदालत ने उन्हें साल 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पर हाई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद सबूतों के अभाव में उनकी आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद 7 मार्च को उन्हें नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था।