नई दिल्ली, 6 फरवरी 2025, गुरुवार। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा नियमों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का इरादा देश पर एक विचार, एक इतिहास और एक भाषा थोपने का है। उन्होंने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य अन्य सभी इतिहास, संस्कृतियों और परंपराओं को मिटाना है, जो कि देश के लिए खतरनाक है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आरएसएस विभिन्न राज्यों की शिक्षा प्रणालियों के साथ भी ऐसा ही करने का प्रयास कर रहा है, जो कि उनके एजेंडे को आगे बढ़ाने का एक और कदम है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी अनूठी परंपरा, इतिहास और भाषा होती है, और हमें इन मतभेदों का सम्मान करना चाहिए और समझना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि आरएसएस को यह समझने की जरूरत है कि वे संविधान, हमारे राज्यों, हमारी संस्कृतियों, परंपराओं और हमारे इतिहास पर हमला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और ‘इंडिया’ गठबंधन में बहुत स्पष्ट है कि हर एक राज्य, हर इतिहास, हर भाषा और हर परंपरा का सम्मान किया जाना चाहिए।
कर्नाटक के उच्च शिक्षामंत्री एम सी सुधाकर द्वारा बुधवार को इसी विषय को लेकर विपक्ष शासित राज्यों के उच्च शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। उसमें कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, और झारखंड के छह मंत्रियों ने यूजीसी की ”दमनकारी” मसौदा नियमावली, 2025 के खिलाफ 15 सूत्रीय प्रस्ताव अपनाया है।