ईरान में महशा अमीनी की हत्या के बाद शुरू हुआ विरोध बढ़ता जा रहा है। करीब एक माह से जारी प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। सख्ती के बावजूद भारी तादाद में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। देशभर में इंटरनेट बंद किए जाने के बाद भी शनिवार और रविवार को हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार तथा धार्मिक नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
रविवार सुबह तेहरान की कुख्यात एविन जेल में महशा अमीनी के समर्थन में कैदी सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। इसमें चार बंदियों की मौत हो गई और 61 घायल हो गए। प्रदर्शन का नेतृत्व कॉलेज छात्राएं कर रही हैं। तेहरान के शरीयती टेक्निकल एंड वोकेशनल कॉलेज की छात्राओं का वीडियो खूब चर्चा में रहा, जिसमें छात्राएं बिना हिजाब के मुल्लाओं के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं।
एक मानवाधिकार समूह ने दावा किया कि ईरान के 111 शहरों में एक माह से जारी प्रदर्शन में 240 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। 8,000 से ज्यादा गिरफ्तार किए गए हैं। मृतकों में सर्वाधिक छात्राएं हैं। समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक 17 सितंबर को शुरू प्रदर्शनों में 850 से ज्यादा सैनिक घायल जबकि 26 की मौत हुई है।
तेहरान की एविन जेल में रविवार सुबह गोलियां चलीं। इसके बाद आग लग गई। हालांकि, अभियोजक अली सालेही का दावा है कि जेल में शांति बहाल हो गई है। उन्होंने कहा कि उप्रदव का महशा अमीनी के समर्थन में जारी प्रदर्शनों से लेना-देना नहीं है। आग से 8 झुलसे हैं। सरकार अब उन पत्रकार, कलाकार और खिलाड़ियों को निशाना बना रही है, जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर प्रदर्शनों का समर्थन किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के समर्थन में ट्वीट कर कहा कि अमेरिका ईरान की बहादुर महिलाओं और नागरिकों के साथ है। ईरान को जिस भावना ने जगाया है, उसे देखकर लगता है कि लोग अब हिंसा और दमन के सामने झुकेंगे नहीं।