N/A
Total Visitor
34 C
Delhi
Tuesday, July 8, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – भारत में अभी 50 लाख से अधिक सॉफ्टवेयर विकासकर्ता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में रिकॉर्ड संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेजता है और भारत में अभी 50 लाख से अधिक सॉफ्टवेयर विकासकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने लगातार काम किया है।

विश्व आर्थिक फोरम के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन में मोदी ने भारत में उभरते कारोबारी क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा, यूनिकॉर्न के मामले में भारत में दुनिया का तीसरा देश है जहां पिछले 6 महीने में 10 हजार से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर हुए हैं। दुनिया के सामने मौजूद नई चुनौतियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी, महंगाई, जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति शृंखला से जुड़ी चुनौतियों गिनाईं और कहा कि इनके खिलाफ कोई अकेला देश नहीं लड़ सकता।

भारत के वैश्विक आपूर्ति शृंखला के प्रति समर्पित भागीदार होने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोविड काल में दुनिया के कई देशों में दवा और वैक्सीन की आपूर्ति का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा निर्माता देश है जिसने कोविड के समय ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’, के संकल्प के साथ करोड़ों लोगों को जरूरी दवाएं और टीका उपलब्ध कराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है। उन्होंने कहा, सिर्फ पिछले एक महीने में भारत में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये 4.4 अरब लेन-देन हुए हैं।

पीएम ने कहा, भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष होने का जश्न मनाने के साथ-साथ कोविड वैक्सीन के 156 करोड़ डोज लगा चुका है। ऐसा करके भारत ने विश्व को उम्मीदों की टोकरी उपहार में दी है। उन्होंने कहा, इस टोकरी में हम भारतीयों का लोकतंत्र में हमारा अटूट विश्वास, 21वीं सदी को सशक्त बनाने वाली तकनीक, योग्यता और मिजाज भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि भारत बहुभाषी और बहुसांस्कृति देश है जो संपूर्ण मानवता के कल्याण की सोचता है, सिर्फ अपनी नहीं।

फिर कहा, क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ एकजुट हो दुनिया : पीएम ने एक बार फिर आभासी मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के लिए दुनिया के सामूहिक प्रयास की बात कही। उन्होंने कहा, इसके लिए जिस तरह की तकनीक इस्तेमाल की जाती है, उसे देखते हुए किसी एक देश का फैसला चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। हमें इस बारे में एक तरह से सोचना होगा।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा है कि कोविड महामारी के कारण विश्व की आर्थिक स्थिति में सुधार बहुत नाजुक स्थिति में है और इसमें भी निम्न आय वाले देशों की हालत प्रतिकूल है। विश्व आर्थिक फोरम के दावोस एजेंडा बैठक में आभासी रूप से शामिल हुए गुटेरस ने कहा, दुनिया महामारी से उबर रही है लेकिन सुधार बहुत नाजुक है। कुछ देशों में टीकाकरण की दर अफ्रीका के देशों के मुकाबले सात गुनी तेज है। अनाज के बढ़ते दामों ने गरीब देशों में आर्थिक सुधार को और चोट पहुंचाई है। वैश्विक वित्तीय व्यवस्था ने उस समय उनका साथ नहीं दिया जब उन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत थी और इस मामले में वैश्विक एकजुटता में कमी है।

 

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »