प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘देश में निर्बाध ऋण प्रवाह और आर्थिक विकास के लिए तालमेल’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश की इकोनॉमी में तेजी लाने के लिए कई बड़े कदम उठाने होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आप स्वीकृति देने वाले हैं और सामने वाला आवेदक, आप दाता हैं और सामने वाला याचक, इस भावना को छोड़कर अब बैंकों को पार्टनरशिप का मॉडल अपनाना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के बैंकों की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि वो देश की इकॉनॉमी को नई ऊर्जा देने में और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। मैं इस चरण को भारत के बैंकिंग सेक्टर का एक बड़ा माइलस्टोन मानता हूं।
पीएम मोदी ने PLI स्कीम के बारे में बात करते हुए कहा कि जो भारत के मैन्यूफैक्चर्स हैं, वो अपनी कपैसिटी कई गुना बढ़ाएं, खुद को ग्लोबल कंपनी में बदलें, इसके लिए सरकार उन्हें प्रॉडक्शन पर इंसेटिव दे रही है। पीएम मोदी ने कहा कि आज कॉर्पोरेट्स और स्टार्ट-अप जिस स्केल पर आगे आ रहे हैं, वो अभूतपूर्व है। ऐसे में भारत की आकांक्षाओं को मजबूत करने का, फंड करने का, उनमें इन्वेस्ट करने का इससे बेहतरीन समय क्या हो सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने बीते 6-7 वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में जो सुधार किए, बैंकिंग सेक्टर का हर तरह से सपोर्ट किया, उस वजह से आज देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मजबूत स्थिति में है। आप भी ये महसूस करते हैं कि बैंकों की वित्तीय स्वास्थ्य अब काफी सुधरी हुई स्थिति में है। पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 के पहले की जितनी भी परेशानियां थीं, चुनौतियां थीं हमने एक-एक करके उनके समाधान के रास्ते तलाशे हैं। हमने NPA की समस्या को एड्रेस किया, बैंकों को recapitalize किया, उनकी ताकत को बढ़ाया।
पीएम मोदी ने कहा कि हम IBC जैसे रिफॉर्म्स लाए, अनेक कानूनों में सुधार किए, ऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया। कोरोना काल में देश में एक समर्पित स्ट्रेस्ड एसेट मैनेजमेंट वर्टिकल का गठन भी किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि आज समय की मांग है कि अब भारत के बैंक अपनी बैलेंस शीट के साथ देश की बैलेंस शीट को भी बढ़ाने के लिए प्रो-एक्टिव होकर काम करें। आपको ग्राहक की, कंपनी की, एमएसएमई की जरूरतों पर विश्लेषण करके उनके पास जाना होगा। उनके लिए कस्टमाइज सोल्यूशंस देने होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 में बैंकों की शक्ति को पहचान कर मैंने उनको आहृवान किया की मुझे जन-धन अकाउंट का बड़ा मूवमेंट खड़ा करना है, मुझे गरीब की झोपड़ी तक जाकर बैंक खाते खुलवाने हैं। उन्होंने कहा कि जब देश के सामने एक लक्ष्य रखा कि हमें जन-धन खाते खोलना है, तो मैं आज गर्व के साथ सभी बैंकों का उल्लेख करना चाहूंगा, सभी बैंक कर्मचारियों का उल्लेख करना चाहूंगा, जिन्होंने इस