पीएम मोदी ने गुजरात के भुज में स्मृतिवन स्मारक का उद्घाटन किया। यह स्मारक भुज में 2001 में आए भयानक भूकंप में जान गंवाने वाले 13 हजार लोगों की याद में बनाया गया है। साथ ही करीब 470 एकड़ इलाके में बना यह स्मारक इस दिल दहला देने वाली त्रासदी से उबरने के लोगों के जज्बे को भी दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कच्छ का विकास, सबका प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है। कच्छ सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि ये एक स्पिरिट है, एक जीती-जागती भावना है। ये वो भावना है, जो हमें आजादी के अमृतकाल के विराट संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे। प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था, कि साजिशों का दौर शुरू हो गया। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं। ऐसी स्थिति में भी गुजरात देश में आपदा प्रबंधन एक्ट बनाने वाला पहला राज्य बना। इसी एक्ट की प्रेरणा से पूरे देश के लिए भी ऐसा ही कानून बना।
पीएम मोदी ने कहा कि 2001 में पूरी तरह तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं, वो अकल्पनीय हैं। कच्छ में 2003 में क्रांतिगुरू श्यामजी कृष्णवर्मा यूनिवर्सिटी बनी तो वहीं 35 से भी ज्यादा नए कॉलेजों की भी स्थापना की गई है
पीएम मोदी ने कहा कि 26 जनवरी को जब कच्छ में भूकंप आया था तब मैं दिल्ली में था और उसके दूसरे दिन ही मैं कच्छ पहुंच गया था। तब मैं सीएम नहीं था एक साधारण सा कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा। लेकिन मैंने ये तय किया कि मैं यहां आप सबके बीच में रहूंगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आज कच्छ के विकास से जुड़े 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के अन्य प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनमें पानी, बिजली, सड़क और डेयरी से जुड़े प्रोजेक्ट हैं। ये गुजरात के कच्छ के विकास के लिए डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन कच्छ जिले स्थित भुज पहुंचे जहां उन्होंने रोड शो कर जनता का अभिवादन किया। रोड शो के बाद उन्होंने स्मृतिवन स्मारक का उद्घाटन भी किया जिसे 2001 के भूकंप में अपनी जान गंवाने वालों की स्मृति के सम्मान में बनाया गया था। साथ ही करीब 470 एकड़ इलाके में बना यह स्मारक इस दिल दहला देने वाली त्रासदी से उबरने के लोगों के जज्बे को भी दर्शाता है।