नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025, सोमवार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने वार्षिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण के प्रसारण में छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने छात्रों को समझाया कि ज्ञान और परीक्षा दो अलग-अलग चीजें हैं और परीक्षा को जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं समझना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि वे अपने समय का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से करें और अपने जीवन पर नियंत्रण रखें। उन्होंने छात्रों को दबाव को संभालने के लिए बल्लेबाज के उदाहरण का उपयोग किया और कहा कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और परीक्षाओं के दबाव में न आएं।
मोदी ने छात्रों को खुद को चुनौती देने और हमेशा अपने पिछले परिणामों से बेहतर करने की कोशिश करने को कहा। उन्होंने पोषण और ध्यान की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि लोग नेताओं के आचरण से प्रेरणा लेते हैं और केवल भाषणों से मदद नहीं मिलती।
प्रधानमंत्री ने माता-पिता से अपने बच्चों को दिखावे के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि माता-पिता को बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए बल्कि उनका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने अच्छी नींद के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को यह नहीं सोचना चाहिए कि अगर वे अधिक अंक नहीं लाते हैं तो उनका जीवन बेकार हो जाएगा।
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने भी इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ की विभिन्न कड़ियों में जीवन और सीखने के प्रमुख पहलुओं पर अपना अनुभव और ज्ञान छात्रों के साथ साझा किया।