नई दिल्ली, 10 जून 2025, मंगलवार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम अपने आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग, पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत 33 देशों का दौरा कर लौटे सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान डेलिगेशन के सदस्यों ने विभिन्न देशों में हुई अपनी बैठकों और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंच पर पेश करने के अनुभव साझा किए।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिक शामिल थे। इन प्रतिनिधिमंडलों ने वैश्विक समुदाय के सामने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने और भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। बैठक में डेलिगेशन के सदस्यों ने बताया कि कैसे उन्होंने 33 देशों में भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से रखा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने में सफलता हासिल की।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत ने सैन्य कार्रवाई के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन की सफलता के बाद भारत ने वैश्विक मंच पर अपना पक्ष रखने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया भर में भेजा।
प्रतिनिधिमंडलों की भूमिका और उपलब्धियां
प्रतिनिधिमंडलों ने अमेरिका, जापान, सऊदी अरब, इटली, इंडोनेशिया, यूरोपीय संघ सहित 33 देशों का दौरा किया। इन दौरों का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट करना और पाकिस्तान की आतंक समर्थक गतिविधियों को उजागर करना था। सऊदी अरब ने भारत के रुख का मजबूत समर्थन किया, जबकि इटली ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इंडोनेशिया ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का समर्थन करने का वचन दिया।
प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेताओं में कांग्रेस के शशि थरूर, बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, जदयू के संजय कुमार झा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, बीजेपी के बैजयंत पांडा और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे शामिल थे। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी जापान और अन्य एशियाई देशों के दौरे में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने की सराहना
मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने डेलिगेशन के सदस्यों के प्रयासों की सराहना की और उनके अनुभवों के आधार पर भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने एक डिनर का आयोजन भी किया, जिसमें सभी सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख और विश्व शांति के प्रति प्रतिबद्धता वैश्विक मंच पर सराही गई है।
वैश्विक समर्थन में बढ़ोतरी
प्रतिनिधिमंडलों ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को मजबूत किया, बल्कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की मांग भी उठाई। बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “सभी देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई। यह भारत की कूटनीतिक जीत है।”