प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सेक्टर को विकास का इंजन बताया और कहा कि बड़े लक्ष्य को पाने के लिए कृषि क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बजट को विकसित भारत के विजन का नया विस्तार बताया और कहा कि अब विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि क्रियान्वयन के प्रभावी तरीके पर जोर देना चाहिए, ताकि अच्छे से अच्छा और जल्दी से जल्दी परिणाम मिले।
कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि पर राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट से जुड़े वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम ने निर्णयों एवं नीतियों को भी प्रभावी बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम दो बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि सेक्टर के विकास के साथ-साथ गांवों की समृद्धि। प्रयास है कि विकसित भारत में अन्नदाताओं को गौरवपूर्ण स्थान मिले। पीएम ने नए बजट पर चर्चा से बचने की सलाह देते हुए कहा कि योजनाएं बन चुकी हैं। अब फोकस सिर्फ एक्शन पर होना चाहिए। क्रियान्वयन में दिक्कत क्या है। किस प्रकार के बदलाव की जरूरत है आदि। लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार के साथ सबको एक मत और एक लक्ष्य के साथ एक दिशा में चलना चाहिए।
पीएम मोदी ने बताई कृषि सेक्टर के विकास की यात्रा
पीएम ने कृषि सेक्टर की विकास यात्रा भी बताई। कहा कि कृषि उत्पादन रिकार्ड स्तर पर है। दशक भर पहले तक कृषि उपज 2,650 लाख टन के करीब था, जो अब 3,300 लाख टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह बागवानी उत्पादन बढ़कर 3,500 लाख टन से ज्यादा हो गया है। यह बीज से बाजार तक की योजना, कृषि सुधार, किसानों का सशक्तीकरण और मजबूत वैल्यू चेन का परिणाम है। बड़े लक्ष्य के लिए बजट में धन धान्य कृषि योजना का एलान किया गया है, जिसके तहत देश के सौ न्यूनतम कृषि उत्पादकता वाले जिलों के समग्र विकास पर फोकस किया जाएगा।