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Monday, June 30, 2025

राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह: आयुषी तिवारी को राष्ट्रपति ने श्री अतुल माहेश्वरी स्मृति स्वर्ण पदक दिया।

राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पहुंच गई हैं। एमए पत्रकारिता में सर्वाधिक अंक पाने पर आयुषी तिवारी को राष्ट्रपति ने श्री अतुल माहेश्वरी स्मृति स्वर्ण पदक दिया। समारोह में राज्यपाल ने संबोधन दिया।

राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पहुंच गई हैं। यहां महामहिम ने 16 मेधावियों को अपने हाथों से मेडल दिए। एमए पत्रकारिता में सर्वाधिक अंक पाने पर आयुषी तिवारी को राष्ट्रपति ने श्री अतुल माहेश्वरी स्मृति स्वर्ण पदक दिया। समारोह में राज्यपाल ने संबोधन दिया। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी और राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा काशी विद्यापीठ का सामाजिक और शैक्षिक योगदान अमूल्य है।

राष्ट्रपति ने कलश में पानी डालकर दीक्षांत समारोह की शुरुआत की। राज्यपाल के संबोधन के बाद महामहिम ने सभी विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों और परिजनों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आना अपने आप में सौभाग्य की बात है। काशी का अभिप्राय है सदैव प्रकाशमान रहने और सदैव प्रकाशित रखने वाला ज्योतिपुंज। पिछले महीने काशी में देव दीपावली का पर्व भव्यता से मनाया गया। मुझे बताया गया है कि उस पर्व को 72 देशों के प्रतिनिधियों ने हमारे देशवासियों के साथ यहां मनाया। हिन्दी माध्यम में उच्च-स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए बाबू शिव प्रसाद गुप्त जी ने काशी विद्यापीठ की अपनी परिकल्पना की चर्चा महात्मा गांधी से की थी और गांधीजी ने उसे सहर्ष अनुमोदन प्रदान किया था। हमारे देश की स्वाधीनता के 26 वर्ष पूर्व, गांधीजी की परिकल्पना के अनुसार आत्म-निर्भरता तथा स्वराज के लक्ष्यों के साथ, इस विद्यापीठ की यात्रा शुरू हुई थी। ब्रिटिश शासन की सहायता और नियंत्रण से दूर रहते हुए, भारतीयों द्वारा पूर्णत: भारतीय संसाधनों से निर्मित, काशी विद्यापीठ का नामकरण ‘महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ’ करने के पीछे हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों के प्रति सम्मान व्यक्त करने की भावना निहित है। उन आदर्शों पर चलना तथा अमृत-काल के दौरान देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देना यहां के विद्यार्थियों द्वारा विद्यापीठ के राष्ट्र-निर्माता संस्थापकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का ध्येय वाक्य है विद्ययाऽमृतमश्नुते…। यह ध्येय वाक्य ईशा-वास्य उपनिषद से लिया गया है। ईश उपनिषद में यह बोध कराया गया है कि व्यावहारिक ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान एक दूसरे के संपूरक हैं। व्यावहारिक ज्ञान से अर्थ, धर्म और कामनाओं की सिद्धि होती है। विद्या पर आधारित आध्यात्मिक ज्ञान से अमरता यानी मोक्ष की प्राप्ति होती है।चिर-नवीन की परिधि में विज्ञान तथा व्यावहारिक ज्ञान की आधुनिकतम धाराएं समाहित हैं। आप सभी विद्यार्थियों को चिर-पुराण और चिर-नवीन के समन्वय को अपनी शिक्षा, आचरण और जीवन में उतारना है। तब आप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, भारतीय परम्पराओं से जुड़े रह कर इक्कीसवीं सदी के आधुनिक विश्व में सफलताएं अर्जित करेंगे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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