लखनऊ, 6 मई 2025, मंगलवार: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देश को अलर्ट मोड पर रखा है। इस तनावपूर्ण माहौल में, गृह मंत्रालय ने 7 मई को देश के 244 जिलों में एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आदेश दिया है। इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने आज अपनी तैयारियों का शानदार प्रदर्शन किया। लखनऊ की पुलिस लाइन में आयोजित मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस, पुलिस, और अन्य आपातकालीन टीमें युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए एकजुट हुईं। इस अभ्यास ने न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता को परखा, बल्कि आम नागरिकों को भी आपात स्थिति में बचाव के गुर सिखाए।
सायरन की गूंज, त्वरित प्रतिक्रिया का प्रदर्शन
लखनऊ की पुलिस लाइन में सुबह जैसे ही एयर रेड सायरन की तीखी आवाज गूंजी, वातावरण में एकाएक तनाव सा छा गया। यह सायरन युद्ध या हवाई हमले जैसी आपात स्थिति की चेतावनी का प्रतीक था। सायरन बजते ही सिविल डिफेंस की टीमें, पुलिस जवान, और राहत दल तुरंत हरकत में आए। कुछ ही पलों में, जवानों ने भीड़भाड़ वाली जगहों को खाली कराने का अभ्यास शुरू कर दिया। यह दृश्य किसी युद्ध के मैदान से कम नहीं था, जहां हर सेकंड कीमती था।
सिविल डिफेंस के चीफ वॉर्डन अमरनाथ मिश्र ने बताया, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपात स्थिति में कोई भी नागरिक असहाय न रहे। आज का अभ्यास 7 मई की राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल की तैयारी का हिस्सा है।” लखनऊ में 1500 सिविल डिफेंस सदस्यों को सक्रिय मोड में रखा गया है, जो किसी भी स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन: घायलों को बचाने की कला
मॉक ड्रिल का एक प्रमुख हिस्सा था रेस्क्यू ऑपरेशन। अभ्यास के दौरान जवानों ने दिखाया कि युद्ध या हमले की स्थिति में घायलों को कैसे सुरक्षित निकाला जाए। कुछ स्वयंसेवकों को कंधों पर उठाकर अस्पताल ले जाने का प्रदर्शन किया गया, तो कहीं आग लगने की स्थिति में दमकलकर्मियों ने आग बुझाने की तकनीक दिखाई। एंबुलेंस की टीमें भी मौके पर तुरंत पहुंचीं, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिले।
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा बलों की तैयारियों को परख रही है, बल्कि आम लोगों को भी जागरूक कर रही है। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में 7 मई को यह अभ्यास होगा, जिसमें लखनऊ एक प्रमुख केंद्र है।”
नागरिकों को दी गई सुरक्षा की ट्रेनिंग
इस मॉक ड्रिल का एक खास पहलू था नागरिकों को आपात स्थिति में आत्मरक्षा और दूसरों की सहायता करने की ट्रेनिंग। सिविल डिफेंस की टीमों ने लोगों को सिखाया कि सायरन सुनते ही उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए। भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने, सब-वे या अंडरपास में शरण लेने, और अफवाहों से बचने की सलाह दी गई। इसके अलावा, ब्लैकआउट की स्थिति में रोशनी बंद करने और महत्वपूर्ण स्थानों को छिपाने की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया गया।
एक स्थानीय निवासी, रमेश यादव, जिन्होंने ड्रिल में हिस्सा लिया, ने कहा, “पहले हमें नहीं पता था कि ऐसी स्थिति में क्या करना है। आज हमें सिखाया गया कि सायरन सुनते ही कैसे सुरक्षित जगह पर जाना है और दूसरों की मदद कैसे करनी है। यह बहुत उपयोगी था।”
1971 के बाद पहली बार इतना बड़ा अभ्यास
यह मॉक ड्रिल इसलिए भी खास है क्योंकि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस का अभ्यास हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 हिंदू पर्यटकों की जान गई, ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इस हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाए हैं।
केंद्र सरकार ने न केवल सीमावर्ती राज्यों में सतर्कता बढ़ाई है, बल्कि पूरे देश में सिविल डिफेंस को मजबूत करने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल सुरक्षा बलों की तैयारियों को परखना है, बल्कि आम नागरिकों में भी आत्मविश्वास जगाना है कि वे किसी भी आपात स्थिति का सामना कर सकते हैं।
लखनऊ की भूमिका और भविष्य की तैयारियां
लखनऊ में आज की मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस के साथ-साथ पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, एनडीआरएफ, होम गार्ड्स, और एनसीसी के कैडेट्स ने भी हिस्सा लिया। यह अभ्यास यूपी के उन 19 जिलों का हिस्सा है, जहां 7 मई को मॉक ड्रिल होगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि इन जिलों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर ए, बी, और सी श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें लखनऊ एक प्रमुख केंद्र है।
इस अभ्यास में सायरन की कार्यक्षमता, राहत टीमों की त्वरित प्रतिक्रिया, और आपातकालीन सेवाओं के समन्वय को भी परखा गया। दमकल और एंबुलेंस की तैनाती ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी स्थिति में राहत कार्य में देरी न हो।
एकजुटता और सतर्कता का संदेश
लखनऊ की पुलिस लाइन में आज का मॉक ड्रिल अभ्यास न केवल एक तकनीकी कवायद था, बल्कि यह देश की एकजुटता और सतर्कता का प्रतीक भी था। यह दिखाता है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सिविल डिफेंस की टीमें, पुलिस, और आम नागरिक मिलकर एक ऐसी सुरक्षा व्यवस्था बना रहे हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में मजबूती से खड़ी रहेगी।
7 मई को होने वाली राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल के लिए लखनऊ ने अपनी तैयारियों का शानदार प्रदर्शन कर दिया है। अब देश की नजरें कल के इस बड़े अभ्यास पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि भारत कितना तैयार है अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!