लखनऊ, 9 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को लेकर तीखा हमला बोला है। गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने सपा पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जेपीएनआईसी जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लूट का केंद्र बना दिया गया। उन्होंने दावा किया कि 200 करोड़ रुपये की लागत वाला यह प्रोजेक्ट 860 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद अधूरा रहा, जिसकी सीबीआई जांच चल रही है।
बबुआ बौखलाए, क्योंकि सच सामने आ रहा
सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा, “CBI जांच की आंच से बबुआ बौखला गए हैं। जो लोग नैतिकता की बात करते हैं, उन्होंने जय प्रकाश नारायण जैसे गांधीवादी विचारक के नाम को बदनाम करने का काम किया।” योगी ने सपा शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पांच साल में सिर्फ 26 करोड़ पेड़ लगाए, जिनका कोई अता-पता नहीं। वहीं, उनकी सरकार ने पिछले आठ सालों में 204 करोड़ पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अभूतपूर्व काम किया।
जेपीएनआईसी पर विवाद क्यों?
हाल ही में योगी कैबिनेट ने जेपीएनआईसी सोसाइटी को भंग कर इसके संचालन और रखरखाव का जिम्मा लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंप दिया। यह प्रोजेक्ट, जिसे अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता था, 2017 में बीजेपी सरकार बनने के बाद से बंद पड़ा था। 860 करोड़ रुपये की लागत से बने इस सेंटर का 80% निर्माण कार्य 2017 तक पूरा हो चुका था, लेकिन इसके बाद काम ठप हो गया।
अखिलेश की खरीदने की इच्छा
जेपीएनआईसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच अखिलेश यादव ने कहा कि अगर LDA इसे बेचना चाहता है, तो सपा इसे खरीदने को तैयार है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रोजेक्ट से सपा का भावनात्मक जुड़ाव है, क्योंकि इसे मुलायम सिंह यादव ने शुरू किया था। अखिलेश ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि LDA इसे बेचते समय समाजवादियों को याद करेगा।”
वन जिला वन माफिया का दौर था
सीएम योगी ने सपा पर परिवारवाद और माफिया राज को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ‘वन जिला वन प्रोडक्ट’ दे रही है, जबकि इन्होंने ‘वन जिला वन माफिया’ दिया था। माफिया जंगलों की अवैध कटाई, खनन और जमीनों पर कब्जे करते थे।” योगी ने सपा पर योजनाओं को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने का भी इल्जाम लगाया।
आगे क्या?
जेपीएनआईसी के संचालन का जिम्मा LDA को मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट के भविष्य पर सबकी नजरें टिकी हैं। सीबीआई जांच और योगी सरकार के तेवरों को देखते हुए यह मामला और तूल पकड़ सकता है। सपा और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर सियासी जंग तेज होने की संभावना है।