प्रयागराज, 19 मई 2025, सोमवार: संभल जिले की शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने चंदौसी की स्थानीय अदालत द्वारा जामा मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण के आदेश को बरकरार रखते हुए मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी।
क्या था मामला?
हिंदू पक्ष ने दावा किया कि संभल के मोहल्ला कोट पूर्वी में स्थित जामा मस्जिद वास्तव में श्री हरिहर मंदिर थी, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। इस दावे के आधार पर नवंबर 2024 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने एक एडवोकेट कमीशन नियुक्त कर मस्जिद का प्रारंभिक सर्वे कराने का आदेश दिया। मस्जिद कमेटी ने इस आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
मस्जिद कमेटी का तर्क
मस्जिद कमेटी ने दलील दी कि सिविल कोर्ट ने जल्दबाजी में और बिना ठोस आधार के सर्वे का आदेश दिया। उनका कहना था कि मुस्लिम पक्ष को सुनवाई का मौका दिए बिना ही सर्वे का आदेश पारित किया गया, जो विधिक रूप से गलत है।
हाई कोर्ट की सुनवाई
13 मई को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार दोपहर 2 बजे इस मामले में फैसला सुनाया गया।
निचली अदालत की सुनवाई पर रोक
हाई कोर्ट ने पहले संभल की जिला अदालत में लंबित मूल वाद की सुनवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। अब हाई कोर्ट के इस फैसले से मामले का अगला रुख तय होगा।