लखनऊ, 6 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। अपना दल (एस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपने तीखे तेवरों से न सिर्फ विरोधियों को करारा जवाब दिया है, बल्कि सूचना विभाग और मीडिया के एक वर्ग पर भी जमकर भड़ास निकाली है। उनकी हालिया एक्स पोस्ट ने सियासी गलियारों में तूफान ला दिया है, जिसमें उन्होंने न केवल पार्टी को तोड़ने की अफवाहों को खारिज किया, बल्कि सूचना विभाग के 1700 करोड़ के बजट के दबाव पर भी सवाल उठाए।
मीडिया पर साधा निशाना, दी खुली चुनौती
आशीष पटेल ने अपनी एक्स पोस्ट में बिना किसी लाग-लपेट के साफ कहा कि कुछ मीडिया हाउस रोजाना अपना दल (एस) को तोड़ने की खबरें गढ़ रहे हैं। कभी नौ विधायकों के पाला बदलने की अफवाह, तो कभी बारह विधायकों के जाने की बात। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, “1700 करोड़ के सूचना विभाग के बजट का दबाव क्या होता है, यह तो वही बता सकते हैं।” उन्होंने मीडिया के एक वर्ग को सलाह दी कि इस रोज-रोज के झंझट को खत्म कर, एक बार में ही अपना दल (एस) को जितने हिस्सों में बांटना है, बांट दें। “लिख दो कि अपना दल (एस) का अस्तित्व खत्म हो गया, ताकि बजट का सही इस्तेमाल हो और झंझट भी खत्म हो,” उनका यह बयान उनकी बेबाकी को दर्शाता है।
ताश के पत्तों का महल नहीं, घास की तरह उगने वाली ताकत
आशीष पटेल ने अपनी पोस्ट में यह भी स्पष्ट किया कि अपना दल (एस) कोई कमजोर संगठन नहीं है। यह पार्टी लाखों वंचितों और शोषितों के खून-पसीने से बनी है, जो साजिशों और अफवाहों से डरने वाली नहीं। उन्होंने पार्टी को घास की तरह बताया, जो हर मुश्किल हालात में उग आती है। उन्होंने कहा, “हमारा दल ताश के पत्तों का महल नहीं, बल्कि जमीनी ताकत है, जो हर साजिश को नाकाम कर देगी। हमारे कार्यकर्ता बहकावे में आने वाले नहीं, बल्कि पहले से कहीं ज्यादा मजबूती से अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे।”
पाश की कविता से दिया करारा जवाब
पोस्ट को और प्रभावशाली बनाने के लिए आशीष पटेल ने मशहूर क्रांतिकारी कवि पाश की कविता का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, “मैं घास हूं, मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा। बम फेंक दो, विश्वविद्यालय को मलबे का ढेर बना दो, हमारी झोपड़ियों पर सुहागा फिरा दो, फिर भी मैं उग आऊंगा।” इस कविता के जरिए उन्होंने विरोधियों को खुली चुनौती दी कि चाहे जितनी साजिशें रच लो, अपना दल (एस) हर बार और मजबूत होकर उभरेगा।
सियासी संदेश और टाइमिंग
आशीष पटेल की यह पोस्ट उस वक्त आई है, जब विपक्षी खेमे और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि अपना दल (एस) में टूट की आशंका है और कई विधायक दूसरी पार्टियों के संपर्क में हैं। ऐसे में उनकी यह पोस्ट न सिर्फ इन अफवाहों का जवाब है, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने और विरोधियों को चेतावनी देने का भी काम करती है।
क्या है इसका सियासी मायने?
आशीष पटेल का यह बयान न केवल पार्टी की एकजुटता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपना दल (एस) यूपी की सियासत में अपनी अहमियत को लेकर पूरी तरह सजग है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में यह पार्टी एनडीए की सहयोगी के तौर पर मजबूती से अपनी जमीन बना रही है। आशीष पटेल का यह बयान साफ करता है कि पार्टी न तो दबाव में झुकेगी और न ही साजिशों से डरेगी।