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Saturday, April 5, 2025

वक्फ बिल संशोधन पर गरमाई सियासत: वीरेंद्र सचदेवा से अनिता चौधरी की खास बातचीत

नई दिल्ली, 3 अप्रैल 2025, गुरुवार। दिल्ली में सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है, और इस बार मुद्दा है वक्फ बिल संशोधन। वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से इस मसले पर गहरी और तीखी बातचीत की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। यह चर्चा न सिर्फ राजनीतिक नियत को उजागर करती है, बल्कि विपक्ष के हंगामे और छिपे एजेंडे पर भी सवाल उठाती है।

अनिता चौधरी ने बातचीत की शुरुआत केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के उस बयान से की, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ बोर्ड को इतना अधिकार दे दिया था कि उसके फैसले को किसी सिविल कोर्ट में चुनौती तक नहीं दी जा सकती थी। रिजिजू का यह भी कहना था कि अगर यूपीए सत्ता में रही होती, तो शायद संसद भवन, एयरपोर्ट और न जाने कितनी इमारतें वक्फ की संपत्ति घोषित हो चुकी होतीं। इस पर वीरेंद्र सचदेवा ने बिना हिचक जवाब दिया, “यह उस समय की यूपीए सरकार और राहुल गांधी के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन की नियत को दिखाता है। 2013 में, जब लोकसभा चुनाव सिर पर थे, जानबूझकर ऐसा बिल लाया गया, जिसमें रातों-रात डेढ़ सौ से ज्यादा संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी गईं। और तो और, यह प्रावधान जोड़ा गया कि इसे कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।”

सचदेवा ने तेवर और सख्त करते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार ने गरीबों और मजलूमों की संपत्ति को वक्फ बोर्ड के हवाले कर दिया, जिस पर आज होटल और मॉल खड़े हैं। इसकी जांच होगी, और जांच के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई भी होगी। यही वजह है कि विपक्ष वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा कर रहा है।” उनका इशारा साफ था—विपक्ष नहीं चाहता कि उनके काले कारनामे उजागर हों।

बातचीत में आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान का जिक्र भी छिड़ा। सचदेवा ने उन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जिनकी आप इबादत करते हैं, उनके नाम पर जमीन हड़प रहे हैं, काली कमाई खा रहे हैं। यह धर्म को धोखा देने जैसा है। सबके काले चिट्ठे खुलेंगे, और कार्रवाई होगी।”

अनिता चौधरी ने एक और रोचक सवाल उठाया—कांग्रेस नेता इमरान मसूद के उस बयान पर कि वे भी राम के वंशज हैं और उन्हें अयोध्या न्यास समिति में शामिल किया जाए। इस पर सचदेवा ने तीखा कटाक्ष किया, “अगर इमरान मसूद सच में राम के वंशज हैं, तो पहले सार्वजनिक रूप से हिंदू धर्म अपनाएं। फिर उनकी बात पर विचार करेंगे।” उनका यह जवाब न सिर्फ मजाकिया था, बल्कि सियासी नोंकझोंक को भी उजागर करता था।

अंत में, सचदेवा ने एक सकारात्मक नोट पर बात खत्म की। उन्होंने कहा, “भारत का मुसलमान आज पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा कर रहा है। खासकर गरीब और पसमांदा मुसलमान समझ चुके हैं कि वक्फ बिल संशोधन उनके हक को बचाने वाला कदम है। अब उनका हक कोई नहीं मार सकेगा।”

यह बातचीत न सिर्फ वक्फ बिल संशोधन के सियासी पहलुओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बहस और तेज होने वाली है। सचदेवा के तीखे तेवर और विपक्ष पर हमले से साफ है कि बीजेपी इस मसले को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ने वाली।

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