राजधानी में वोट कटने पर सियासत गरम है। अब मामला मुख्य चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। बुधवार को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आप नेताओं का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा। इस दौरान आयोग के अधिकारियों को अपने आरोपों के हक में 3000 पेजों के दस्तावेज सौंपे गए। प्रतिनिधिमंडल में सीएम आतिशी, संजय सिंह, पंकज गुप्ता, जस्मीन शाह और रीना गुप्ता आदि मौजूद थे।
चुनाव आयोग से बाहर निकलने के बाद मीडिया के समक्ष केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में लोगों के वोट कटवाकर एक नागरिक के रूप में मिले उनके अधिकारों को छीन रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई विधानसभा क्षेत्रों में हजारों मतदाताओं के नाम काटने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें ज्यादातर गरीब, अनुसूचित जाति, पूर्वांचली हैं, जो झुग्गियों और कच्ची कॉलोनियों में रहते हैं। चुनाव आयोग ने आप की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
केजरीवाल के मुताबिक, उन्होंने चुनाव आयोग के सामने रखा कि कैसे शाहदरा में भाजपा के एक पदाधिकारी ने चोरी-छिपे 11008 लोगों के नाम कटवाने के लिए आयोग को लिस्ट दी। जनकपुरी में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने 4874 वोट काटने के लिए आवेदन किए हैं। इसी तरह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों का भी हाल है। हमारी मांग थी कि बड़े स्तर पर वोट काटने की कार्रवाई बंद की जाए। अभी चुनाव आयोग ने समरी रिवीजन की है।
जिन-जिन लोगों ने इस किस्म के आवेदन किए हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव से पहले किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं निकाला जाएगा। इस बीच जरूरी होने पर अगर ऐसा करना पड़े तो लिस्ट के आधार पर नहीं किया जाएगा, किसी को भी अगर डिलीशन कराना है तो उसे फॉर्म 7 भरना पड़ेगा, उसी के आधार पर डिलीशन होगा। अगर चुनाव आयोग तय करता है कि कोई डिलीशन होना है, तो उस पर पहले फील्ड इनक्वायरी होगी। फील्ड इनक्वायरी में बीएलओ अपने साथ बाकी पार्टियों के पदाधिकारियोें, प्रतिनिधियों को भी लेकर जाएंगे।
आप नेता मनीष सिसोदिया और सांसद राघव चड्ढा ने मीडिया से बात की। दोनों आरोप लगाया कि सात सीटों से 22,649 वोट काटे गए हैं। इनमें जनकपुरी में 7,055, करावल नगर में 3,861, तुगलकाबाद में 4,016, पालम में 1,641, मुस्तफाबाद में 534, हरि नगर में 637 और राजौरी गार्डन में 1,274 लोगों के नाम शामिल हैं। इसके लिए आवेदन करने वाले ज्यादातर लोग भाजपा से जुड़े हैं। सिसोदिया ने कहा कि शायद यह भाजपा के वोटर नहीं होंगे, इसलिए नाम काटने की साजिश की जा रही है।
जब भाजपा दिल्ली में चुनाव जीत नहीं पा रही है तो वह लोगों के वोट डालने का अधिकार छीनकर संविधान की हत्या कर रही है। कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कई हजार लोगों के वोट काटने के लिए आवेदन किए हैं। राघव चड्ढा ने कहा कि सात बड़े विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी तादाद में वोट काटने के आवेदन दिए गए हैं। सवाल उठता है कि चुनाव आयोग के समरी रिवीजन खत्म होने के बाद भारी तादाद में ये आवेदन कौन डाल रहा है। पालम विधानसभा क्षेत्र में ऐसे 9 लोग हैं जिन्होंने 1,641 आवेदन दिए हैं। ये नौ लोग वे हैं जिनके तार भाजपा से जुड़े हैं।