नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के हरे रंग को आतंकवाद से जोड़ने वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (AIMIM) ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे समाज में नफरत और संकीर्णता फैलाने वाला करार दिया है।
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का तीखा प्रहार
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान को ‘सस्ती राजनीति’ करार देते हुए कहा, “आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या रंग नहीं होता। यह एक मानसिक विकृति और हिंसात्मक विचारधारा का परिणाम है, न कि किसी धर्म विशेष का प्रतिबिंब।” उन्होंने आगे कहा, “जब हम किसी विशेष रंग या धर्म को आतंकवाद से जोड़ते हैं, तो हम न केवल करोड़ों शांतिप्रिय लोगों का अपमान करते हैं, बल्कि समाज में नफरत और संकीर्णता को बढ़ावा देते हैं।”
भदौरिया ने रंगों को आतंकवाद से जोड़ने को पूरी तरह गलत ठहराते हुए कहा, “मैं खुद हरा रंग पहनता हूं, कोई भगवा, कोई सफेद, कोई नीला रंग पहनता है। इसका मतलब यह नहीं कि रंगों को आतंकवाद से जोड़ा जाए। ऐसी सस्ती राजनीति बंद होनी चाहिए और विकास की राजनीति पर ध्यान देना चाहिए।”
AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने भी जताई नाराजगी
AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने कहा, “हरे रंग को आतंकवाद का रंग बताना निंदनीय है। हरा रंग ईश्वर का सबसे पसंदीदा रंग है। ईश्वर कभी किसी आतंकवाद का पैरोकार नहीं हो सकता।” वकार ने आगे कहा, “दुनिया की अदालतें भले ही सबूतों के अभाव में किसी को रिहा कर दें, लेकिन ईश्वर की अदालत में हर आतंकवादी को सजा जरूर मिलेगी।”
बयान पर मचा विवाद
प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने इसे सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करार दिया है, जबकि कुछ संगठनों ने इसकी कड़ी आलोचना की है। अभी तक प्रज्ञा ठाकुर की ओर से इस बयान पर कोई सफाई नहीं आई है।
विकास की राजनीति पर जोर
सपा और AIMIM दोनों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए जोर दिया कि नेताओं को समाज को बांटने वाली बयानबाजी के बजाय विकास और एकता पर ध्यान देना चाहिए। यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।