जौनपुर, 11 जून 2025, बुधवार: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक सियासी घटना ने सबको चौंका दिया, जब सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर को एक सार्वजनिक सभा में मंच पर थप्पड़ मारा गया। यह घटना अषापुर गांव में महाराजा सुहेलदेव के विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह के दौरान हुई, जहां महेंद्र राजभर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
हमलावर, जिसकी पहचान बृजेश राजभर के रूप में हुई, ने मंच पर महेंद्र राजभर को पहले माला पहनाकर सम्मानित किया और फिर अचानक कई थप्पड़ जड़ दिए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। उपस्थित लोगों के बीच अफरातफरी मच गई, और घटना ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया।
महेंद्र राजभर ने जलालपुर थाने में बृजेश राजभर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला सुनियोजित था और इसके पीछे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का हाथ है। महेंद्र ने दावा किया कि बृजेश राजभर कुछ दिन पहले ओमप्रकाश राजभर से मिला था, और यह हमला उनके इशारे पर किया गया। हालांकि, ओमप्रकाश राजभर और सुभासपा की ओर से इस आरोप पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
महेंद्र राजभर ने कहा, “बृजेश पहले मेरी पार्टी में कार्यकर्ता था, लेकिन वर्तमान में उसका कोई आधिकारिक पद नहीं है। मुझे नहीं पता कि वह इस कार्यक्रम में कैसे पहुंचा। यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित था।” उन्होंने इस घटना को अपनी राजनीतिक छवि को धूमिल करने की साजिश करार दिया।
यह घटना उस समय हुई, जब महेंद्र राजभर जफराबाद विधानसभा क्षेत्र में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा के लिए भूमि पूजन के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। महेंद्र राजभर ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सुभासपा से अलग होकर सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी की स्थापना की थी। उन्होंने ओमप्रकाश राजभर पर पार्टी के मूल मिशन से भटकने और व्यक्तिगत लाभ के लिए काम करने का आरोप लगाया था।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने बृजेश राजभर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, “यह घटना निंदनीय है। महेंद्र राजभर के साथ ऐसा व्यवहार लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। दोषी को सजा मिलनी चाहिए।”
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है, और बृजेश राजभर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। यह घटना पूर्वांचल की राजनीति में राजभर समाज के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करती है, जहां ओमप्रकाश राजभर और महेंद्र राजभर के बीच लंबे समय से वैचारिक और राजनीतिक मतभेद चले आ रहे हैं।