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Saturday, June 28, 2025

मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर सियासी घमासान: कांग्रेस का भाजपा पर हमला, भूपेश बघेल ने लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली, 28 जून 2025: मध्य प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू न होने का मुद्दा एक बार फिर सियासी तूफान का केंद्र बन गया है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर ओबीसी समाज के हक को दबाने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनिल जयहिंद ने भाजपा और आरएसएस पर ओबीसी आरक्षण को लागू न करने के लिए साजिश रचने का सनसनीखेज आरोप लगाया।

कांग्रेस का आरोप: भाजपा ने की ओबीसी हक की अनदेखी

हरीश चौधरी ने कहा कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया था, जिसे 2003 में बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया। लेकिन इसके बाद सत्ता में आई भाजपा सरकार ने इसे लागू करने में आनाकानी की। 2019 में कमलनाथ सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पुनर्जनन किया, लेकिन भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद यह फिर ठंडे बस्ते में चला गया। चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया रुख का हवाला देते हुए कहा, “28 जनवरी 2025 को कोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कीं और 25 जून को सरकार से पूछा कि 27 प्रतिशत आरक्षण लागू क्यों नहीं हुआ। फिर भी भाजपा सरकार चुप्पी साधे हुए है।”

भूपेश बघेल का तंज: छत्तीसगढ़ में भी लटका बिल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि 2022 में वहां की कांग्रेस सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण बिल विधानसभा से पारित किया, लेकिन यह बिल आज भी “अध्ययन” के नाम पर राज्यपाल के पास अटका हुआ है। उन्होंने आरएसएस के सह-कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के उस बयान की भी कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा की बात कही थी। बघेल ने इसे “भारत की आत्मा पर हमला” और समाज को बांटने की कोशिश करार दिया।

जीतू पटवारी ने खोली पोल

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि 2019 में कमलनाथ सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश लाया, लेकिन कुछ लोगों ने इसे कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट के निर्देश पर कांग्रेस ने विधानसभा से बिल पास करवाया, लेकिन सरकार गिरने और भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह मुद्दा फिर दबा दिया गया। पटवारी ने कहा, “भाजपा लगातार ओबीसी समाज के हक को कुचलने में लगी है।”

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से बढ़ा दबाव

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू न करने पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने इसे अपनी मांग का समर्थन मानते हुए सरकार पर तुरंत कार्रवाई का दबाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो ओबीसी समाज के साथ मिलकर आंदोलन तेज किया जाएगा।

सियासी माहौल गर्म

इस मुद्दे ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सियासी माहौल को गरमा दिया है। ओबीसी वोट बैंक को देखते हुए दोनों पार्टियां इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में हैं। अब सवाल यह है कि क्या भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट के दबाव में आरक्षण लागू करेगी, या यह सियासी जंग और तेज होगी?

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